तुझे पाने की ख्वाहिश करते हैं हजारों
कुछ तो बदल गये हैं , कुछ और बदल जायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||
वैसे तो बडा मुश्किल है, बदलना आदत-ए-इन्सान |
कोशिश यही है एक दिन, कर के इसे दिखायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||
तमन्नाये तो बहुत सी, कर लेता है हर कोई |
न हो अगर जो रहबर, तो पूरी न कर पायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||
है दासता गुरु की, इस दास को पसंद |
प्रसन्नता प्रभु की, कभी तो पा जायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||
तुझे पाने की ख्वाहिश करते हैं हजारों |
हम तेरे हो चुके हैं, तुझे अपना अब बनायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||
भव से निकलने के लिये, जो बख्शे है नियम पांच |
निभा लिया जो दिल से, तो पार पहुंच जायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||
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