कुंडली आपका मार्गदर्शन करती है
कौन से लोक से आए हो और कौन से लोक जाऔगे ? क्या कहती है आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली ?
अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी कोई भी गृह सूर्य या चंद्रमा से दृष्ट है या युति मे है तो आप शिवलोक से आए है । तथा पंचम भाव का स्वामी इसी योग मे है तो आप शिवलोक जाओगे । अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी मंगल से दृष्ट है या युति मे है तो आप पृथ्वी लोक से ही आए थे । तथा पंचम का स्वामी इसी योग मे तो आप बापिस प्रथवि लोक पर ही आओगे । अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी बुध से दृष्ट है या युति मे है तो बैकुंठ धाम से आए हो । तथा पंचम के साथ यही योग है तो बापिस बैकुंठ धाम जाओगे । अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी गुरु से दृष्ट है या युति मे है तो आप ब्रहमलोक से आए हो और पंचम से संबंध है तो बापिस ब्रहम लोक जाओगे । अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी शुक्र से दृष्ट है या युति मे है तो आप स्वर्ग लोक से आए हो और पंचम से संबंध है तो बापिस स्वर्ग लोक जाओगे । अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी शनि से दृष्ट है या युति मे है तो आप यमलोक से आए हो और पंचम से संबंध है तो बापिस यम लोक जाओगे । अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी राहू से दृष्ट है या युति मे है तो आप नरक लोक से आए हो और पंचम से संबंध है तो बापिस नरक लोक जाओगे । अगर आपकी ड्रेशकाण्ड कुंडली मे नवम भाव का स्वामी केतू से दृष्ट है या युति मे है तो आप पृथवि लोक के छोटे छोटे दीप से आए हो और पंचम से संबंध है तो बापिस पृथवि लोक के छोटे छोटे दीप पर जाओगे । कर्मो की गति के अनुसार आपका लोकों पर आवागमन बदल जाता है । यह न सोचे की मेरी कुंडली मे तो स्वर्ग जाने का योग है तो मैं बहुत बुरा कर भी लूँगा तो क्या फर्क पड़ेगा जाना तो मुझे स्वर्ग मे है। ऐसा नहीं होता है । लेकिन कुछ आत्माओं को शाप लगा होता है वो अपना बुरा कर्म करने के बाद भी स्वर्ग लोक चली जाती है । कुंडली आपका मार्गदर्शन करती है । उसी आधार पर अच्छे कर्म करो ।
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