मौत भी दूर भागती है भगवान शिव के इस मंत्र से
भगवान शिव की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
यहां तक कि मृत्यु को भी हराया जा सकता है। ऐसा ही एक मंत्र है
महामृत्युंजय मंत्र। यह मंत्र पितृदोष, वास्तु दोष, कालसर्प दोष,
शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या आदि के दुष्प्रभावों को कम करता है। यदि कोई
व्यक्ति बहुत अधिक बीमार है या मरणासन्न स्थिति में हो तो यह मंत्र
सबसे अचूक उपाय है। सावन में यदि इस मंत्र का जप किया जाए
तो साधक निरोगी होता है तथा लंबी उम्र पाता है।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात
कैसे करें जप?
- सावन के महीने में रोज जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले
भगवान शिव की पूजा करें।
- भगवान शिव को बिल्व पत्र व भांग अर्पित करें।
- इसके बाद अकेले में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस
मंत्र का जप करें।
- कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।
- यदि जप का समय, स्थान, आसन, तथा माला एक ही हो तो यह मंत्र
शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है।
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