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Wednesday 18 February 2015

जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :- विविध कामना सिद्धि के कुछ मानता निम्नलिखित है जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :- 1) मुकदमे में जीत हेतु - पवन तनय बल पवन सामना, बुद्धि बिबेक बिज्ञान निधाना। कवन सो काज कठिन जग माही, जो नहीं होइ तात तुम पाहि।।

जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :-
विविध कामना सिद्धि के कुछ मानता निम्नलिखित है जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :-

1) मुकदमे में जीत हेतु -
पवन तनय बल पवन सामना, बुद्धि बिबेक बिज्ञान निधाना।
कवन सो काज कठिन जग माही, जो नहीं होइ तात तुम पाहि।।

2) श्री हनुमान जी की प्रसन्नता प्राप्ति के लिए -
सुमिरि पवनसुत पावन नामू 7 अपने बस करी राखे रामू।।

3) मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिए -
हनुमान अंगद रन गाजे। हांक सुनत रजनीचर भाजे।।

 5) डर व भूत भागने का मंत्र -
प्रनवउं पवनकुमार खेल बन पावक ग्यान घन।
जासु हृदय अगर बसहि राम सर चाप धार।।
6) ज्ञान-प्राप्ति के लिये-
छिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम सरीरा।।

7) यात्रा की सफलता के लिए-
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदयं राखि कोसलपुर राजा॥

8)  विवाह के लिए-
तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।
मांडवी श्रुतकीरति उरमिला, कुंअरि लई हंकारि कै॥

9) शत्रुता समाप्ति हेतु -
बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥

10) मनचाहे कार्यों की सफलता हेतु -
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।

11) काम धंदे के लिए
बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

12) गरीबी समाप्ति हेतु -
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारि के।।

13) विविध रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति के लिए
दैहिक दैविक भौतिक तापा।राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥

14) शिक्षा में सफलता के लिए
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भांती। जासु कृपा नहिं कृपां अघाती॥

15) संकट-नाश के लिए
जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।।
जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।

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