Advt

Friday 30 October 2015

1) अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार औषधि सेवन के पश्चात् भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो.....

1) अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार औषधि सेवन के पश्चात् भी 
स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो www.lifecanbechanged.comकिसी भी रविवार से आरम्भ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का 
पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उबार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को 
खिला दें। अवश्य ही इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर टोटके की अवधि में 
रोगी ठीक हो जाता है, तो भी प्रयोग को पूरा करना है, बीच में रोकना नहीं चाहिए।
2) अमावस्या को प्रात: मेंहदी का दीपक पानी मिला कर बनाएं। तेल का चौमुंहा दीपक बना कर 7 उड़द के 
दाने, कुछ सिन्दूर, 2 बूंद दही डाल कर 1 नींबू की दो फांकें शिवजी या भैरों जी के चित्र का पूजन कर, जला 
दें। महामृत्युजंय मंत्र की एक माला या बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ कर रोग-शोक दूर करने की भगवान से 
प्रार्थना कर, घर के दक्षिण की ओर दूर सूखे कुएं में नींबू सहित डाल दें। पीछे मुड़कर नहीं देखें। उस दिन 
एक ब्राह्मण -ब्राह्मणी को भोजन करा कर वस्त्रादि का दान भी कर दें। कुछ दिन तक पक्षियों, पशुओं और
रोगियों की सेवा तथा दान-पुण्य भी करते रहें। इससे घर की बीमारी, भूत बाधा, मानसिक अशांति 
निश्चय ही दूर होती है।
3) अगर बीमार व्यक्ति ज्यादा गम्भीर हो, तो जौ का 125 पाव (सवा पाव) आटा लें। उसमें साबुत काले 
तिल मिला कर रोटी बनाएं। अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें। फिर उस पर थोड़ा सा तिल्ली का 
तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें। फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 
बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें। पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए। भैंसा कहाँ मिलेगा, 
इसका पता पहले ही मालूम कर के रखें। भैंस को रोटी नहीं खिलानी है, केवल भैंसे को ही श्रेष्ठ रहती है। 
शनि और मंगलवार को ही यह कार्य करें।
4) पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।
5) घर से बीमारी जाने का नाम न ले रही हो, किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र ले 
कर उसे हांडी में पिरो कर रोगी के पलंग के पाये पर बांधने से आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है। उस दिन
से रोग समाप्त होना शुरू हो जाता है।
6) यदि आपका बच्चा बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहा हो और आप को लग रहा कि दवा काम नहीं कर 
रही है, डाक्टर बीमारी खोज नहीं पा रहे है। तो यह उपाय शुक्ल पक्ष की अष्टमी को करना चाहिये। आठ 
गोतमी चक्र ले और अपने पूजा स्थान में मां दुर्गा के श्रीविग्रह के सामने लाल रेशमी वस्त्र पर स्थान दें। मां 
भगवती का ध्यान करते हुये कुंकुम से गोमती चक्र पर तिलक करें। धूपबत्ती और दीपक प्रावलित करें।
धूपबत्ती की भभूत से भी गोमती चक्र को तिलक करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे की 11 माला जाप
करें। जाप के उपरांत लाल कपड़े में 3 गोमती चक्र बांधकर ताबीज का रूप देकर धूप, दीप दिखाकर बच्चे के
गले में डाल दें। शेष पांच गोमती चक्र पीले वस्त्र में बांधकर बच्चे के ऊपर से 11 बार उसार कर के किसी 
विराने स्थान में गड्डा खोदकर दबा दें। आपका बच्चा हमेशा सुखी रहेगा।

Thursday 29 October 2015

रुकावटें दूर होने लगेंगी यदि किसी व्यक्ति को धन प्राप्त करने में बार-बार रुकावटें आ रही हों तो उसे यह उपाय करना चाहिए। यह उपाय 40 दिनों ......


रुकावटें दूर होने लगेंगी
यदि किसी व्यक्ति को धन प्राप्त करने में बार-बार
रुकावटें आ रही हों तो उसे यह उपाय
करना चाहिए।
यह उपाय 40 दिनों तक किया जाना चाहिए। इसे अपने घर पर
ही किया जा सकता है। उपाय के अनुसार धन
प्राप्ति मंत्र का जप करना है। प्रतिदिन 108 बार।
मंत्र: ऊँ
सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं,
श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।
इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने पर कुछ
ही दिनों महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त
हो जाएगी और आपके धन में आ
रही यदि किसी व्यक्ति को धन प्राप्त करने में बार-बार
रुकावटें आ रही हों तो उसे यह उपाय
करना चाहिए।
यह उपाय 40 दिनों तक किया जाना चाहिए। इसे अपने घर पर
ही किया जा सकता है। उपाय के अनुसार धन
प्राप्ति मंत्र का जप करना है। प्रतिदिन 108 बार।
मंत्र: ऊँ
सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं,
श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।
इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने पर कुछ
ही दिनों महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त
हो जाएगी और आपके धन में आ
रही रुकावटें दूर होने लगेंगी।।

सारे काम इस से हो सकते हे प्रथम ..जब कोई जटिल काम हो जो न हो रहा हो तो ..आप जो बताया जा रहा हे ....

सारे काम इस से हो सकते हेप्रथम ..जब कोई जटिल काम हो जो न हो रहा हो तो ..आप जो बताया जा रहा हे उसे आजमा कर अनुभव ले ..www.lifecanbechanged.com.जब आप सुबह उठे तो उठते बराबर सर्वप्रथम अपने दोनों हथेलियों को अपने चेहरे पर से उतार कर एक साथ जोड़ कर देखे ..फिर बिना हिले किसी से एक गिलास पानी मंग ले या रात को ही पास में रख ले क्यों की जब तक यह प्रयोग ना हो जाए तब तक किसी से बात नहीं करना हे मौन व्रत रखना हे . फिर उसमे से एक घूँट पानी जितना मुंह में आ सकता हे पिए लेकिन उसे निगले याने गले के निचे नहीं उतारे मुंह में ही रखे और जो काम करवाना हे या जो आपकी मन की इच्छा हे उसे कम से कम पांच बार दोहराए और जो देवता को आप मानते हे उनसे प्रार्थना करे ...इस दौरान आप नाक से सांस ले सकते हे .. ...और हां यह क्रिया होने के बाद आप पानी को गले के निचे उतार ले आहिस्ता आहिस्ता और फिर अपने दोनों पैरो के अंगूठे को क्रॉस याने दाहिने हाथ से बाया पैर और बाये हाथ से दाया पैर इस प्रकार छू कर अपने ललाट को स्पर्श कर उठे ...यह प्रयोग कभीसे भी शुरू कर सकते हे ...!यह प्रयोग जब तक कार्य सिद्ध ना हो तब तक याने की उतने दिनों तक .करें!
द्वितीय ....एक मंत्र हे जो बड़ा ही चमत्कारी हे इससे जेसा आप चाह रहे हे वेसा होगा पर न्यायोचित कार्य ही ...वो हे " चिमी चिमी" यह एक जादुई मंत्र हे किसी से मिलना हो वो नहीं मिल रहा हे तो घर से निकलने से लेकर उससे मिलने तक ..यह मंत्र जाप करे ..कोई गलत फहमी हो तो इसका जाप करे और मन ही मन दोहराएँ की गफलत दूर हो वो मुझे मिल जाए आदि ..याने जो कठिन लगे वो सारे काम इस से हो सकते हे ...!!
* ध्यान रहे एक बार में एक ही काम ..जब तक वो पूरा न हो दूसरा काम ना कहे ..
इन सब के अलावा एक चमत्कारी वस्तू हे "काली राई " जो हमारे रसोई घर में मसाले के डिब्बे में होती हे उसे ही एक पुडिया में रख कर घर से निकले और निकलते वक्त मेरा फलां काम सिद्ध हो ऐसा कह कर एक चुटूकी दरवाजे से निकलते वक्त गिरा कर जाएँ और जहाँ जाएं वहां भी द्वार पर गिरा दे तो अनुकूल परिस्थिति बन जाती हे और कई बार तो तुरंत ही चमत्कारी अनुभव आते हे ..
वेसे तो यह सिद्ध कर के देते हे पर मसाले के डिब्बे की भी चमत्कारी असर दिखाती हे बशर्ते श्रद्धा पूर्वक की जाए हो सकता हे एक दो बार शुरुआत में अनुभव न आये पर ५ से ७ बार में खुद ब खुद ही आता हे ..ऐसा लोगो को अनुभव आया हे जिसके आधार पर कहा जा रहा हे

दीपावली के दिन किया जाना चाहिए यदि आप दसों दिशाओं से यानी चारों तरफ से पैसा प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें....शय्या पर मंत्र जप करने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार फूंक मारें।...


दीपावली के दिन किया जाना चाहिए
यदि आप दसों दिशाओं से यानी चारों तरफ से
पैसा प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें। यह उपाय
दीपावली के दिन किया जाना चाहिए।
दीपावली की रात में विधि-
विधान से महालक्ष्मी का पूजन करें। पूजन के
सो जाएं और सुबह जल्दी उठें। नींद से
जागने के बाद पलंग से उतरे नहीं बल्कि यहां दिए
गए मंत्र का जप 108 बार करें।
मंत्र: ऊँ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ
ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय
सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा।
शय्या पर मंत्र जप करने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार
फूंक मारें। इस उपाय से साधक को चारों तरफ से पैसा प्राप्तwww.lifecanbechanged.com
होता है......by pt. m.d. vashisht.

Tuesday 13 October 2015

या देवी सर्व भूतेषु शक्तिरूपेण संस्थित नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः।। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐www.lifecanbechanged.com भक्ति और उपासना का पर्व नवरात्री पर माँ जगदम्बे की असीम कृपा हम सब पर बनी रहे ।सबके परिवार में सुख शांति समद्धि आये...

या देवी सर्व भूतेषु शक्तिरूपेण संस्थित नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः।।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐www.lifecanbechanged.com
भक्ति और उपासना का
पर्व नवरात्री पर
माँ जगदम्बे की असीम कृपा हम सब पर बनी रहे ।सबके परिवार
में सुख शांति समद्धि आये
माँ से यही विनंती हे lशुभ नवरात्री
🙏🏼🙏🏼  = नवरात्रि में कन्याओ को किस दिन दें कौन सी चीज का दान = www.lifecanbechanged.com

नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है। जो भी व्यक्ति नियमित रूप से इन दिनों में पूजन और उपाय करता है, उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजन कर्म के साथ ही कुछ अन्य उपाय भी बताए गए हैं। www.lifecanbechanged.com
शास्त्रों के अनुसार जिन कन्याओं की उम्र 2 से लेकर 5 वर्ष तक की होती हैं, वे साक्षात् देवी मां का स्वरूप मानी जाती हैं। नवरात्रि के दिनों में इन नन्हीं कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व है।
यदि नवरात्रि में इन कन्याओं को सुंदर उपहार दिया जाए तो नवदुर्गा भी प्रसन्न होती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में अलग-अलग वस्तुएं कन्याओं को भेंट में दी जानी चाहिए।
= यहां जानिए नवरात्रि के किस दिन कौन सी चीज का दान कन्याओं को किया जाना चाहिए...www.lifecanbechanged.com

नवरात्रि का पहला दिन :=

नवरात्रि प्रथम दिन कन्याओं को सुगंधित और ताजा फूल भेंट में देना शुभ होता है। इसके साथ ही, कोई श्रृंगार सामग्री भी अवश्य दें। अगर आप मां सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते है तो सफेद पुष्प छोटी कन्याओं को दें। अगर धन संबंधी कार्यों में सफलता पाना चाहते हैं तो लाल पुष्प देकर किसी कन्या को खुश करें।www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का दूसरा दिन :=

नवरात्रि के दूसरे दिन कन्याओं को फलों का दान करें। इसके बाद कन्याओं का पूजन करें। फलों का दान करने से व्यक्ति की स्वास्थ्य और धन संबंधी कामनाएं पूर्ण होती हैं। ध्यान रखें, फल खट्टे नहीं होना चाहिए, मीठे फलों का दान करें।www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का तीसरा दिन :=

नवरात्रि के तीसरे दिन कन्याओं को स्वादिष्ट मिठाई का दान करना चाहिए। यदि आप चाहें तो इस दिन घर पर बनी खीर, हलवा या केशरिया चावल का दान भी कर सकते हैं। www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का चौथा दिन :=

नवरात्रि के चौथे दिन कन्याओं को वस्त्रों का दान करें। अपने सामर्थ्य के अनुसार रुमाल या रंगबिरंगे रिबन भी दिए जा सकते हैं। www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का पांचवां दिन :=

नवरात्रि के पांचवें दिन कन्याओं को पांच प्रकार की श्रृंगार सामग्री देना शुभ होता है। बिंदिया, चूड़ी, मेहंदी, बालों के लिए क्लिप्स, सुगंधित साबुन, काजल इत्यादि चीजें दी जा सकती हैं। ऐसा करने पर देवी मां से सौभाग्य और संतान संबंधी सुख प्राप्त होता है। www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का छठा दिन :=

नवरात्रि के छठे दिन छोटी-छोटी कन्याओं को खिलौने देना चाहिए। अपनी श्रद्धा के अनुसार खेल सामग्री का दान करें। www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का सातवां दिन :=

नवरात्रि के सातवें दिन मां सरस्वती की कृपा पाने का दिन है। इस दिन कन्याओं को शिक्षण सामग्री का दान करना चाहिए। पेन, स्केच पेन, पेंसिल, कॉपी, ड्रॉइंग बुक्स, वाटर बॉटल, कलर बॉक्स आदि चीजें दान की जा सकती हैं। www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का आठवां दिन :=

नवरात्रि के आठवें दिन आप स्वयं किसी कन्या का पूर्ण श्रृंगार करें और उसका पूजन करें। इस दिन कन्या के पैरों का पूजन दूध से करें। पैरों पर कुमकुम, चावल और पुष्प अर्पित करना चाहिए। कन्या को भोजन कराएं और सामर्थ्य के अनुसार कोई भी भेंट भी दें। www.lifecanbechanged.com
नवरात्रि का नवां दिन :=

नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याओं को खीर खिलाएं। दूध और आटे से बनी पूरियां खिलाएं। कन्याओं के पैरों में महावर और हाथों में मेहंदी लगाने से देवी पूजा पूर्ण होती है। पूर्ण पूजन के बाद कन्याओं को अंत में लाल चुनरी भेंट करें।
जो भी व्यक्ति इस प्रकार नौ दिनों तक कन्याओं का पूजन करता है, उसे जीवन में कभी भी दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है। ध्यान रखें, नवरात्रि के दिनों में प्रत्येक महिला में माता श्री का वास होता है ।
इन दिनों में किसी भी अधार्मिक कर्मों से दूर रहना चाहिए। www.lifecanbechanged.com           💐सर्वमंगलमंगले शिर्वेसर्वार्थसाधिके शरण्य त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमस्तुते।💐
💐नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाये।💐 www.lifecanbechanged.com

Monday 5 October 2015

१.समाज में उचित मान सम्मान प्राप्ति के लिए रात में सोते समय सिरहाने ताम्बे के बर्तन में जल भर कर उसमें थोड़ा शहद के साथ कोई भी सोने /चाँदी का .......


 सम्मान प्राप्ति के आसान उपाय

१.समाज में उचित मान सम्मान प्राप्ति के लिए रात में सोते समय सिरहाने ताम्बे के बर्तन में जल भर कर उसमें थोड़ा शहद के साथ कोई भी सोने /चाँदी का सिक्का या अंगूठी रख लें फिर सुबह उठकर प्रभु का स्मरण करने के बाद सबसे पहले बिना कुल्ला किये उस जल को पी लें ...जल्दी ही आपकी यश ,कीर्ति बड़ने लगेगी ।
२.रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख लें, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती, मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होता रहेगा ।
३.दुर्गा सप्तशती के द्वादश (12 वें ) अध्याय के नियमित पाठ करने से व्यक्ति को समाज में मान सम्मान और मनवांछित लाभ की प्राप्ति होती है ।
४.समाज में मान सम्मान की प्राप्ति के लिये कबूतरों/चिड़ियों को चावल-बाजरा मिश्रित कर के डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें।....www.lifecanbechanged.com

Wednesday 23 September 2015

किसी भी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ नारियल लेकर जाएं। मंदिर में नारियल को अपने सिर पर सात बार वार लें। इसके बाद यह नारियल हनुमानजी के सामने फोड़ दें। इस उपाय से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।...

किसी भी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ नारियल लेकर जाएं। मंदिर में नारियल को अपने सिर पर सात बार वार लें। इसके बाद यह नारियल हनुमानजी के सामने फोड़ दें। इस उपाय से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
- शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में 1 नारियल पर स्वस्तिक बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़वाएं
हनुमानजी को सिंदूर और तेल अर्पित करें। जिस प्रकार विवाहित स्त्रियां अपने पति या स्वामी की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं, ठीक उसी प्रकार हनुमानजी भी अपने स्वामी श्रीराम के लिए पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते हैं। जो भी व्यक्ति शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
अपनी श्रद्धा के अनुसार किसी हनुमान मंदिर में बजरंग बली की प्रतिमा पर चोला चढ़वाएं। ऐसा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।
चौमुखा दीपक का उपाय
हनुमानजी के सामने शनिवार की रात को चौमुखा दीपक लगाएं। यह एक बहुत ही छोटा लेकिन चमत्कारी उपाय है। ऐसा नियमित रूप से करने पर आपके घर-परिवार की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
पीपल के नीचे करें ये उपाय
- किसी पीपल पेड़ को जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।....

वैवाहिक सुख की प्राप्ति और अनबन के निवारण के लिए सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवती दुर्गा की प्रतिमा के सामने दीया ....

पति-पत्नी के बीच अनबन को दूर करने के मंत्र
पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही पवित्र और अटूट होता है, लेकिन यह एक ऐसा रिश्ता भी है जहां कलह-क्लेश की सबसे ज्यादा गुंजाइश होती है। कभी-कभी यह क्लेश काफी बढ़ जाता है, जो जिंदगी को तबाह करने पर भी तुल जाता है। इस आपसी सामंजस्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जिनका जाप आपके इस कलह-क्लेश को आपसे दूर कर सकता है। आइए, जानें वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाने और आपसी अनबन को दूर भगाने के लिए किन मंत्रों का जाप करना उचित है।
कुछ जोड़े कुत्ते-बिल्लियों की तरह लड़ते-झगड़ते रहते हैं, जिनके कारण उनका वैवाहिक जीवन एकदम खराब हो जाता है। इसे दूर करने के लिए आप सूर्योदय से पहले स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और इस मंत्र का जाप करें।
ओम् नम: संभवाय च मयो भवाय च नम:
शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च।।
पति-पत्नी के मतभेद को दूर करने के लिए कुछ लोग मंत्र जाप का भी सहारा लेते हैं। कहते हैं यदि यह जप विधि-विधान से किया जाए तो पति-पत्नी के बीच कभी अनबन नहीं होती साथ ही प्रेम भी बढ़ता है।
अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।
अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।
कब करें जप:
सुबह उठकर स्नान के बाद किसी एकांत जगह आसन बिछा लें और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें। सामने मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र रखें और श्रद्धापूर्वक उनकी स्तुति करते हुए 21 बार ऊपर लिखे मंत्र का जाप करें।
वैवाहिक सुख की प्राप्ति और अनबन के निवारण के लिए सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवती दुर्गा की प्रतिमा के सामने दीया और अगरबत्ती जलाकर पुष्प अर्पित करें। अब नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें। ज्योतिषी औऱ पंडितों का मानना है कि ऐसा करने से कुल 21 दिनों में ही सुख-शांति का वातारण व्याप्त हो जाएगा- www.lifecanbechanged.com
मंत्र
धां धीं धूं धूर्जटे! पत्नी वां वीं वूं वाग्धीश्वरि।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि! शांत शीं शूं शुभं कुरू।।....

. हल्दी के प्रयोग से उपाय विवाह योग लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में......

1. हल्दी के प्रयोग से उपाय
विवाह योग लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है.
2. पीला वस्त्र धारण करना
ऎसे व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए.
3. वृ्द्धो का सम्मान करना
उपाय करने वाले व्यक्ति को कभी भी अपने से बडों व वृ्द्धों का अपमान नहीं करना चाहिए.
4. गाय को रोटी देना
जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोडी हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए. तथा इसके साथ ही थोडा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है.
5. शीघ्र विवाह प्रयोग
इसके अलावा शीघ्र विवाह के लिये एक प्रयोग भी किया जा सकता है. यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को किया जाता है. इस प्रयोग में गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी ईलायची का जोडा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिये. यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए.
6. केले के वृ्क्ष की पूजा
गुरुवार को केले के वृ्क्ष के सामने गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने के साथ शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए. अथा जल भी अर्पित करना चाहिए.
7. सूखे नारियल से उपाय
एक अन्य उपाय के रुप में सोमवार की रात्रि के 12 बजे के बाद कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता, इस उपाय के लिये जल भी ग्रहण नहीं किया जाता. इस उपाय को करने के लिये अगले दिन मंगलवार को प्रात: सूर्योदय काल में एक सूखा नारियल लें, सूखे नारियल में चाकू की सहायता से एक इंच लम्बा छेद किया जाता है. अब इस छेद में 300 ग्राम बूरा (चीनी पाऊडर) तथा 11 रुपये का पंचमेवा मिलाकर नारियल को भर दिया जाता है.
यह कार्य करने के बाद इस नारियल को पीपल के पेड के नीचे गड्डा करके दबा देना. इसके बाद गड्डे को मिट्टी से भर देना है. तथा कोई पत्थर भी उसके ऊपर रख देना चाहिए.
यह क्रिया लगातार 7 मंगलवार करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है. यह ध्यान रखना है कि सोमवार की रात 12 बजे के बाद कुछ भी ग्रहण नहीं करना है.
8. मांगलिक योग का उपाय (Remedies for Manglik Yoga)
अगर किसी का विवाह कुण्डली के मांगलिक योग के कारण नहीं हो पा रहा है, तो ऎसे व्यक्ति को मंगल वार के दिन चण्डिका स्तोत्र का पाठ मंगलवार के दिन तथा शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए. इससे भी विवाह के मार्ग की बाधाओं में कमी होती है.
9. छुआरे सिरहाने रख कर सोना
यह उपाय उन व्यक्तियों को करना चाहिए. जिन व्यक्तियों की विवाह की आयु हो चुकी है. परन्तु विवाह संपन्न होने में बाधा आ रही है. इस उपाय को करने के लिये शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में इन्हें प्रवाहित कर दें....

Yadi aapke pati ya premi aapko pyar nahi karta hai ya aapki premika ya patni aapko pyaar nahi karti hai ya phir unka kisi aur ke sath sambhandh (chakkar) ho gaya hai to aap ye upay kar sakte hai.

Yadi aapke pati ya premi aapko pyar nahi karta hai ya aapki premika ya patni aapko pyaar nahi karti hai ya phir unka kisi aur ke sath sambhandh (chakkar) ho gaya hai to aap ye upay kar sakte hai.
Pati ya patni mein se jo bhi chahe wo is kriya ko chup chaap kar sakta hai.
Aapko is ke liye ek shahad (honey) ki chotti bottle chahiye aur ek laal (red) pen aur ek bhojpatra ka tukda.
Pati ya Premi ko chahiye ki wo apni Patni ya Premika ka naam us bhojpatra pr laal pen se likh de aur phir 21 baar is mantar ko bolna hai "Om Sri Hanumante Namh" aur phir us bhojpatra pr fook maar deni hai aur us bhojpatra ke tukde ko us shahad ki bottle mein daal dena hai aur dhakkan band kar dena hai aur phir kisi gupt jagah pr us bottle ko rakh dena hai.
Ye upay koi bhi vykti kar sakta hai aur kisi ke liye bhi kar sakta hai. Jaise kisi vykti ne aapse paise liye hai lekin lauta nahi raha hai to aap ye upay kar sakte hai aapko us vykti ka naam likhna hoga bhojptra pr aur same procedure follow karna hoga.

1. कन्या के सुखी विवाहिक जीवन के लिए विवाह के पश्चात् जब कन्या की विदाई होने वाली हो तो किसी पीले रंग के धातु के लोटे में गंगाजल लेकर,उसमें थोडी सी पिसी हल्दी मिलाएं फिर ......

1. कन्या के सुखी विवाहिक जीवन के लिए विवाह के पश्चात् जब कन्या की विदाई होने वाली हो तो किसी पीले रंग के धातु के लोटे में गंगाजल लेकर,उसमें थोडी सी पिसी हल्दी मिलाएं फिर एक तांबे का सिक्का उस लोटे में डालकर कन्या के ऊपर से 7 बार उतार कर उसके आगे गिरा दें, कन्या का विवाहिक जीवन सुखमय रहेगा ।
2. यदि कन्या विवाह के चार दिन पूर्व साबुत हल्दी की ७ गांठे, पीतल के ३ सिक्के, थोडा सा केसर, गुड और चने की दाल इन सबको एक पीले वस्त्र में बाँधकर अपनी ससुराल की दिशा में उछाल दे तो उसको अपने पति और ससुराल के अन्य सभी सदस्यों का सदैव भरपूर प्यार मिलेगा।
3. यदि कोई कन्या विदाई के बाद अपने ससुराल में प्रवेश करने से पहले चुपचाप मेहंदी में मिले हुए साबुत उडद गिरा दे और फिर प्रवेश करे तो उसका दाम्पत्य जीवन सदा सुखमय रहेगा , उसकी अपने पति और ससुराल के अन्य सदस्यों से सदैव अच्छे सम्बन्ध बने रहेंगे ।
4. घर में रोज या सप्ताह में एक बार नमक मिले पानी का पोछा अवश्य लगवाये ।
5. यदि घर में पत्नी अपने हाथों में कम से कम २ सोने की या पीली चूड़ी पहने तो भी दाम्पत्य जीवन में प्रेम और घर में सुख बना रहता है ।
6. जहाँ तक संभव हो मंगलवार , ब्रहस्पतिवार और शनिवार को घर का कोई भी सदस्य न तो नाखून, बाल काटें , और ना ही शेव बनाये , इसके अतिरिक्त ब्रहस्पतिवार और शनिवार को घर में कपडे भी ना धोएं , नहाते हुए सर को गीला ना करें और बालों में तेल भी कतई ना लगायें ।
7. यदि व्यक्ति सुबह नाश्ते में पत्नी या माँ के द्वारा केसर मिश्रित दूध का सेवन करें और काम में जाते समय नियमपूर्वक उनके हाथ से जबान में केसर लगाये और थोड़ी सी चीनी खाए तो घर में सदैव सुख शांति और आर्थिक सम्रद्धि बनी रहती है ।
8. यदि घर में क्लेश रहता है घर के सदस्यों में मतभेद रहते है तो घर में आटा शनिवार को ही पिसवाएं या खरीदे और साथ ही १०० ग्राम पिसे काले चने भी लें जो उस आटे में मिला दें जल्दी ही स्थिति में सुधार होते हुए देखेंगे ।
9. जब भी घर में खाने पीने की कोई वास्तु (मिठाई , फल आदि ) आयें तो सबसे पहले भगवान को भोग लगायें फिर घर के बड़े बुजुर्गो और बच्चों को देकर ही पति पत्नी उस वस्तु का सेवन करें , यह बहुत ही चमत्कारी और परखा हुआ उपाय है बुजुर्गो के आशीषों और बच्चों के खुशियों से घर में सर्वत्र हर्ष , शुभता का वातावरण बनेगा और उस घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं रहेगी ।
10. यदि घर में पति पत्नी में मतभेद होते है तो 11 गोमती चक्रों को लाल रंग की सिंदूर की डिब्बी में रखकर घर में रखें तो उनके बीच के सभी प्रकार के क्लेश दूर हो जाएंगे।....

उक्त मन्त्र स्वयं सिद्ध है। शुभ समय में १०८ बार जपने से विशेष फलदायी होता है। नारियल, नींबू, अगर-बत्ती, सिन्दूर और गुड़ का भोग लगाकर १०८ बार मन्त्र जपे।....

“बारा राखौ, बरैनी, मूँह म राखौं कालिका। चण्डी म राखौं मोहिनी, भुजा म राखौं जोहनी। आगू म राखौं सिलेमान, पाछे म राखौं जमादार। जाँघे म राखौं लोहा के झार, पिण्डरी म राखौं सोखन वीर। उल्टन काया, पुल्टन वीर, हाँक देत हनुमन्ता छुटे। राजा राम के परे दोहाई, हनुमान के पीड़ा चौकी। कीर करे बीट बिरा करे, मोहिनी-जोहिनी सातों बहिनी। मोह देबे जोह देबे, चलत म परिहारिन मोहों। मोहों बन के हाथी, बत्तीस मन्दिर के दरबार मोहों। हाँक परे भिरहा मोहिनी के जाय, चेत सम्हार के। सत गुरु साहेब।” 

विधि- उक्त मन्त्र स्वयं सिद्ध है। शुभ समय में १०८ बार जपने से विशेष फलदायी होता है। नारियल, नींबू, अगर-बत्ती, सिन्दूर और गुड़ का भोग लगाकर १०८ बार मन्त्र जपे।
मन्त्र का प्रयोग कोर्ट-कचहरी, मुकदमा-विवाद, आपसी कलह, शत्रु-वशीकरण, नौकरी-इण्टरव्यू, उच्च अधीकारियों से सम्पर्क करते समय करे। उक्त मन्त्र को पढ़ते हुए इस प्रकार जाँए कि मन्त्र की समाप्ति ठीक इच्छित व्यक्ति के सामने हो।......

सुबह सूर्योदय से पहले ये काम करना है । किसी से बात नहीं करनी है , थूकना भी नहीं है , पेशाब भी नहीं करनी है , मल भी नहीं त्यागना है , और कोई आपको ये काम करते हुए देखे भी न और आपको टोके भी नहीं । आपको ये काम लगातार २१ दिन करना है ....

मंतर:-
" ओम वश्यमुखी राजमुखी स्वाहा "
विधि :-
सुबह सूर्योदय से पहले ये काम करना है । किसी से बात नहीं करनी है , थूकना भी नहीं है , पेशाब भी नहीं करनी है , मल भी नहीं त्यागना है , और कोई आपको ये काम करते हुए देखे भी न और आपको टोके भी नहीं । आपको ये काम लगातार २१ दिन करना है अगर कोई दिन छूट जाता है तो वापिस से पूरा करना होगा । आपको अपने मुँह में पानी भरना है और सात बार इस मंतर को मन में बोलना है और फिर उस पानी को गिरा देना है और फिर
दुबारा आपको अपने मुँह में पानी भरना है और सात बार इस मंतर को मन में बोलना है और फिर उस पानी को गिरा देना है फिर तीसरी बार आपको अपने मुँह में पानी भरना है और सात बार इस मंतर को मन में बोलना है और फिर उस पानी को गिरा देना है और फिर चौथी बार आपको अपने मुँह में पानी भरना है और सात बार इस मंतर को मन में बोलना है और फिर उस पानी को गिरा देना है और फिर पांचवी बार आपको अपने मुँह में पानी
भरना है और सात बार इस मंतर को मन में बोलना है और फिर उस पानी को गिरा देना है और फिर छटी बार आपको अपने मुँह में पानी भरना है और सात बार इस मंतर को मन में बोलना है और फिर उस पानी को गिरा देना है और फिर सातवी बार आपको अपने मुँह में पानी भरना है और सात बार इस मंतर को मन में बोलना है और फिर उस पानी को गिरा देना है । आप जिस व्यक्ति (स्त्री या पुरुष ) का वशीकरण करना चाहते है उसका ख्याल
मंतर मन में बोलते वक्त करें या उसकी तस्वीर अपने सामने रखे और फिर मुँह में पानी भरें और मन में मंतर बोले और आपको ऐसा लगातार 21 दिन करना है ।
यदि आप सही विधि से उपाय करते है तो आपको सफलता जरूर मिलेगी 21 दिन से पहली भी मिल सकती है और कई बार 21 दिन के बाद भी सफलता मिलती है ।....more information logon to www.lifecanbechanged.com      www.lifecanbechanged.com

Monday 10 August 2015

पति का गुस्सा कम करने का अचूक यदि आपके पति का स्वभाव भी गुस्सैल हैं और भी बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं तो : जब आपके पति गहरी नींद में सोए हों ...


पति का गुस्सा कम करने का अचूक
यदि आपके पति का स्वभाव भी गुस्सैल हैं और भी बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं तो :

जब आपके पति गहरी नींद में सोए हों तब एक नारियल, सात गोमती चक्र और थोड़ा का गुड़ लेकर इन सभी सामग्री को एक पीले कपड़े में बांध लें। अब इस पोटली को अपने पति के ऊपर सात बार ऊबार कर बहते हुए जल में बहा दें। इसके अलावा प्रतिदिन सूर्य को अध्र्य दें और अपनी मनोकामना कहें। कुछ ही समय में आपके पति का गुस्सा छू-मंतर हो जाएगा।

Monday 20 July 2015

स्नान करते समय ये बातें ध्यान रखें.. ============================== .नहाने से स्वास्थ्य लाभ और पवित्रता मिलती है। सभी प्रकार के पूजन कर्म आदि नहाने के बाद ही किए जाते हैं, इस कारण स्नान का काफी अधिक महत्व है। ...

स्नान करते समय ये बातें ध्यान रखें..
==============================
.नहाने से स्वास्थ्य लाभ और पवित्रता मिलती है। सभी प्रकार के पूजन कर्म आदि नहाने के बाद ही किए जाते हैं, इस कारण स्नान का काफी अधिक महत्व है। पुराने समय में सभी ऋषि-मुनि नदी में नहाते समय सूर्य को जल अर्पित करते थे और मंत्रों का जप करते थे। इस प्रकार के उपायों से अक्षय पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं। ज्योतिष में धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जो अलग-अलग समय पर किए जाते हैं। नहाते समय करने के लिए एक उपाय बताया गया है। इस उपाय को सही विधि से हर रोज किया जाए तो निकट भविष्य में सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं। जानिए उपाय की विधि...
प्रतिदिन नहाने से पहले बाल्टी में पानी भरें और इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) से पानी पर त्रिभुज का चिह्न बनाएं।त्रिभुज बनाने के बाद एक अक्षर का बीज मंत्र ‘ह्रीं’ उसी चिह्न के बीच वाले स्थान पर लिखें। साथ ही, अपने इष्ट देवी-देवता से परेशानियों दूर करने की प्रार्थना करें।
हर रोज नहाने से पहले यह उपाय करें।
शास्त्रों में दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जप करना चाहिए। स्नान करते समय किसी मंत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
नहाते समय इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है...
मंत्र: गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
नदी में नहाते समय पानी पर ऊँ लिखें
यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए। ऐसा करने से नदी स्नान का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है। इस उपाय से ग्रह दोष भी शांत होते हैं। यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह भी उतर जाती है।www.lifecanbechanged.com

Friday 19 June 2015

* बालोँ को कुदरती काले करने की दवा * आज कल कम उम्र मेँ ही बाल पकने और सफेद होने लगते है। एक बहुत ही कारगर ईलाज बता raha हूँ दोस्तोँ। इस दवाई को बना कर पूरा फायदा जरूर उठायेँ। सामग्री :-..

* बालोँ को कुदरती काले करने की दवा *
आज कल कम उम्र मेँ ही बाल पकने और सफेद होने लगते है। एक बहुत ही कारगर ईलाज बता raha हूँ दोस्तोँ। इस दवाई को बना कर पूरा फायदा जरूर उठायेँ।
सामग्री :-
1. अरंडी का तेल 250 ग्राम
2. जैतून का तेल 50 ग्राम,
3. चन्दन कि लकड़ी का बारीक बुरादा 50 ग्राम
4. काँफी पाउडर (नेस्सले) 50 ग्राम।
5. बरगद के पेड़ कि एकदम ताजा पत्ती (बन्द वाली कोपल) 300 ग्राम
6. अम्बर बेल 300 ग्राम (जो हरे रंग के धागे कि तरह पेड़ के ऊपर मिलती है।)
(क्र. 1 से 4 की चीजेँ पंसारी एवँ 5,6 को गाँव देहात से ढूँढ कर लाना होगा।)
बनाने की विधि > दोनोँ तेलोँ को मिला कर हल्की आँच पर गर्म करेँ। फिर इस तेल मे सभी चीजेँ डाल लेवेँ और तब तक हिलाते रहेँ जब तक पूरी सामग्री काली होकर जल ना जायेँ। सावधानी रखना तेल तड़तड़ाता बहुत है। सभी चीजेँ जल जाने पर ठंडा करके तेल को बोतल मे भरकर रख लेवेँ।
प्रयोग की विधि > रोजाना 20 मिनिट तक उँगलियोँ के पोरौँ से इस तेल की मालिश सिर मे करेँ। तेल के नियमित प्रयोग से जो बाल सफेद हो गये है वो भी वापस जड़ से काले उगने लगेँगे।
परहेज > साबुन और सेम्पू का प्रयोग नही करेँ। सिर्फ रात मे भिगोई गयी मुल्तानी मिट्टी को सुबह 10 मिनिट सर मे साबुन की तरहा लगाकर सर धो लेवेँ।
कई लोगौँ को बता chuka हूँ। परिछित है आप भी लाभ उठायेँ।
ये दवाई मैनेँ मेरे  भाई को प्रयोग करायी है। 100 % सकारात्मक परिणाम रहा है मित्रोँ। उपयोग करो और 6 महिने मे चमत्कार देखो।...www.lifecanbechanged.com

Monday 1 June 2015

शादीशुदा लोग क्यों करते हैं लव अफेयर और आपकी कुंडली आज के समय में कितनी ही शादियां सिर्फ इसीलिए टूट रही हैं क्योंकि पुरूषों का किसी और महिला के साथ अफेयर होता है। शादी के बाद एक्स्ट्रा मैरेटियल अफेयर होने का मतलब है कि पुरुष अपनी पत्नी से अब पहले जैसा आकर्षण और लगाव नहीं रखता है। ( शुक्र , मंगल , राहु , चन्द्रमा , केतु के प्रभाव के कारण ) लेकिन क्या आप जानते हैं शादी के बाद अफेयर करने के क्या कारण हो सकते हैं। आइए पंडित वशिष्ट जी से जानें ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में....

शादीशुदा लोग क्यों करते हैं लव अफेयर और आपकी कुंडली
आज के समय में कितनी ही शादियां सिर्फ इसीलिए टूट रही हैं क्योंकि पुरूषों का किसी और महिला के साथ अफेयर होता है। शादी के बाद एक्स्ट्रा मैरेटियल अफेयर होने का मतलब है कि पुरुष अपनी पत्नी से अब पहले जैसा आकर्षण और लगाव नहीं रखता है। ( शुक्र , मंगल , राहु , चन्द्रमा , केतु के प्रभाव के कारण )
लेकिन क्या आप जानते हैं शादी के बाद अफेयर करने के क्या कारण हो सकते हैं।
आइए पंडित वशिष्ट  जी से जानें ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में-www.lifecanbechanged.com
1. कूछ नया करने की चाह ( चन्द्रमा और शुक्र पर केतु का प्रभाव )
पुरूष हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करते है। पुरूष हमेशा अपनी दैनिक दिनचर्या वाले जीवन में कुछ नया चाहते है और एक रोमांचक चीजों के साथ सम्‍बंध जोड़ना चाहते है। वह बहुत जल्‍दी की अपनी रोजाना जिन्‍दगी से बोर हो जाते हैं। ऐसे में वे शादी के बाद लव अफेयर जैसा कदम उठाते हैं।
2. सेक्सुअल इच्छाओं के कारण ( मंगल और शुक्र पर राहु का प्रभाव और कमज़ोर चन्द्रमा )
यह बात कई शोधों में भी साबित हो चुकी है कि लगभग 80 फीसदी पुरूष अपनी पत्नियों को सेक्सुअल इच्छाओं के कारण धोखा देते हैं। आमतौर पर सेक्सुअल इच्छा भी कई तरह की होती है। उनके भीतर सेक्सुअल एडिक्‍शन हो सकता है, जिसके चलते वे अपने मौजूदा रिश्ते से असंतुष्ट होकर नई जगह संबंध बनाने की कोशिश करते हैं।
3. अहंकार की भावना ( मंगल और राहु का शुक्र पर दुष प्रभाव )
कुछ पुरूष अपने अहंकार के कारण भी अफेयर करते हैं। कई बार अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए वे दूसरी महिलाओं के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। दरअसल वे अपने पार्टनर को दिखाना चाहते हैं कि वे महिलाओं को कितनी आसानी से अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं।
4. रिश्तों में बढ़ती बोरियत के कारण ( खराब बुध + चन्द्रमा + शुक्र पर राहु का प्रभाव )
शादी के बाद पुरूषों के एक्स्ट्रा मैरिटयल रिलेशनशिप का एक महत्वपूर्ण कारण है रिश्ते में बोरियत आना। लाइफ उस समय और भी ज्यादा नीरस हो जाती है जब पत्नी घरेलू कामकाज और बच्चों में इतनी व्यस्त हो जाए कि पुरुष के लिए समय ही ना निकाल पाए। ऐसे में कुछ पुरूष इस बोरियत को दूर करने के लिए अलग-अलग महिलाओं से रिश्ता रखते हैं।
5. आत्मसम्मान की तलाश में ( राहु + सूर्य में खराब शुक्र )
कुछ महिलाओं की आदत होती है ‌कि वे अपने पतियों में किसी ना किसी बात को लेकर मीन-मेख निकालती रहती हैं या हर बात पर उन्हें टोकती हैं। ऐसे में पति चाहे-अनचाहे अपनी पत्नी से दूर हो जाता है और दूसरी महिलाओं की ओर आकर्षित होने लगता है।
6. सोसाइटी में आया खुलापन ( मंगल+शुक्र / चन्द्र + शुक्र )
यह सच है कि आजwww.lifecanbechanged.com के समय में विवोहत्तर संबंध बहुत आम बात है। आज वर्कप्लेस पर महिलाएं और पुरूष दोनों कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। ऐसे में पुरूष महिलाओं के साथ उठते-बैठते अपनी भावनाएं शेयर करने लगता है, जिससे वह चाहे-अनचाहे नए रिश्तों में बंधता चला जाता है और अपनी पत्नी को धोखा देने लगता है।
7. काम के दौरान महिलाओं से मिलना ( शुक्र + केतु )
आज के इस दौर में जहां पुरूष और महिला ऐक साथ काम करते हैं। दिन के नौ-दस घंटे वे एक साथ ऑफिस में गुजारते हैं। ऐसे में एक दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगते हैं। एक दूसरे का साथ अच्छा लगने लगता है जिसके कारण यहीं से एक्स्ट्रा मैरेटियल अफेयर की शुरुआत होने लगती है।
8. तांकझांक करने वाली आदत ( नीच शुक्र + राहु )
पुरूषों में अक्‍सर तांकझांक करने की आदत होती है। उन्‍हें दूसरी औरतें ज्‍यादा आकर्षित करती है, जो महिला उनकी बीबी होती है उसमें उन्‍हे ज्‍यादा दिलचस्‍पी नहीं होती है।
9. दोस्‍तों का दबाव ( मंगल नीच + शुक्र खराब पर राहु का प्रभाव )
कई बार दोस्‍तों के दबाव में आकर पुरूष शादी के बाद अफेयर चला लेता है और अपनी बीबी को धोखा देता है। पुरूष अक्‍सर अफेयर को मजा समझते है और खुद तो करते ही है और दोस्‍तों को भी ऐसा करने के लिए कहते है। अगर वो दोस्‍त ऐसा न करे तो उसे बीबी का गुलाम कहकर उसका मजाक उड़ाते है।
10. बदले की भावना ( मंगल + राहु / बुध+राहु / नीच शुक्र )
अगर पत्‍नी अपने पति को लेकर वफादार नहीं है तो पति भी खुन्‍नस में आकर अफेयर चलाने के बारे में सोचता है, ताकि वो उसके साथ अपने हिसाब को पूरा कर सके।
कुंडली में शुक्र का नीच होना ( छठे / आठवें / बारवें भाव में )
राहु या केतु की शुक्र संग युति
मंगल+शुक्र पर राहु का प्रभाव
चन्द्र+शुक्र पर केतु का प्रभाव
बुध+मंगल+शुक्र पर राहु का प्रभाव
ऐसी कई जुगलबंधियां ही ये गुल खिलाती है की पुरुष भँवरा बन नई नई कलियों की तलाश में भटकता रहता है और ऐसे ही कई योग हैं जो स्त्री की कुंडली में भी हों तो वो भी तितली की तरह rose garden के चक्कर काटती पाई जाती है , ये प० मयुख दास वशिष्ट  का ज्योतिष है जो सब जनता है !!!www.lifecanbechanged.com

Friday 29 May 2015

www.llifecanbechanged.com] 🌷श्री राम चरित मानस🌷 🍂 जिनसे मुनि और तपस्वी दु:ख पाते हैं , वे राजा 👑 बिना अग्नि 🔥 के ही अपने दुष्ट कर्मों से ही जलकर भस्म हो जाते हैं 🍂।ब्राह्मणों का क्रोध करोड़ों कुलों को भस्म कर देता है।🍂 👏🌹जय श्री राम 🌹👏 🌲🌻🌳www.lifecanbechanged.com🌷 निर्जला एकादशी 🌷....

www.llifecanbechanged.com] 🌷श्री राम चरित मानस🌷
🍂 जिनसे मुनि और तपस्वी दु:ख पाते हैं , वे राजा 👑 बिना अग्नि 🔥 के ही अपने दुष्ट कर्मों से ही जलकर भस्म हो जाते हैं 🍂।ब्राह्मणों का क्रोध  करोड़ों कुलों को भस्म कर देता है।🍂
👏🌹जय श्री राम 🌹👏
🌲🌻🌳www.lifecanbechanged.com🌷 निर्जला एकादशी 🌷

👉 आज़ 29 मई 2015 शुक्रवार को  निर्जला एकादशी  है ।

🙏 युधिष्ठिर ने कहा : जनार्दन ! ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष में जो एकादशी पड़ती हो, कृपया उसका वर्णन कीजिये ।

🙏 भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! इसका वर्णन परम धर्मात्मा सत्यवतीनन्दन व्यासजी करेंगे, क्योंकि ये सम्पूर्ण शास्त्रों के तत्त्वज्ञ और वेद वेदांगों के पारंगत विद्वान हैं ।

🙏 तब वेदव्यासजी कहने लगे : दोनों ही पक्षों की एकादशियों के दिन भोजन न करे । द्वादशी के दिन स्नान आदि से पवित्र हो फूलों से भगवान केशव की पूजा करे । फिर नित्य कर्म समाप्त होने के पश्चात् पहले ब्राह्मणों को भोजन देकर अन्त में स्वयं भोजन करे । राजन् ! जननाशौच और मरणाशौच में भी एकादशी को भोजन नहीं करना चाहिए ।
www.lifecanbechanged.com
🙏 यह सुनकर भीमसेन बोले : परम बुद्धिमान पितामह ! मेरी उत्तम बात सुनिये । राजा युधिष्ठिर, माता कुन्ती, द्रौपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव ये एकादशी को कभी भोजन नहीं करते तथा मुझसे भी हमेशा यही कहते हैं कि :‘भीमसेन ! तुम भी एकादशी को न खाया करो…’ किन्तु मैं उन लोगों से यही कहता हूँ कि मुझसे भूख नहीं सही जायेगी ।

🙏 भीमसेन की बात सुनकर व्यासजी ने कहा : यदि तुम्हें स्वर्गलोक की प्राप्ति अभीष्ट है और नरक को दूषित समझते हो तो दोनों पक्षों की एकादशीयों के दिन भोजन न करना ।more information to log on to
www.lifecanbechanged. com
🙏 भीमसेन बोले : महाबुद्धिमान पितामह ! मैं आपके सामने सच्ची बात कहता हूँ । एक बार भोजन करके भी मुझसे व्रत नहीं किया जा सकता, फिर उपवास करके तो मैं रह ही कैसे सकता हूँ? मेरे उदर में वृक नामक अग्नि सदा प्रज्वलित रहती है, अत: जब मैं बहुत अधिक खाता हूँ, तभी यह शांत होती है । इसलिए महामुने ! मैं वर्षभर में केवल एक ही उपवास कर सकता हूँ । जिससे स्वर्ग की प्राप्ति सुलभ हो तथा जिसके करने से मैं कल्याण का भागी हो सकूँ, ऐसा कोई एक व्रत निश्चय करके बताइये । मैं उसका यथोचित रुप से पालन करुँगा ।

🙏 व्यासजी ने कहा : भीम ! ज्येष्ठ मास में सूर्य वृष राशि पर हो या मिथुन राशि पर, शुक्लपक्ष में जो एकादशी हो, उसका यत्नपूर्वक निर्जल व्रत करो । केवल कुल्ला या आचमन करने के लिए मुख में जल डाल सकते हो, उसको छोड़कर किसी प्रकार का जल विद्वान पुरुष मुख में न डाले, अन्यथा व्रत भंग हो जाता है । एकादशी को सूर्यौदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्यौदय तक मनुष्य जल का त्याग करे तो यह व्रत पूर्ण होता है । तदनन्तर द्वादशी को प्रभातकाल में स्नान करके ब्राह्मणों को विधिपूर्वक जल और सुवर्ण का दान करे । इस प्रकार सब कार्य पूरा करके जितेन्द्रिय पुरुष ब्राह्मणों के साथ भोजन करे । वर्षभर में जितनी एकादशीयाँ होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है, इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है । शंख, चक्र और गदा धारण करनेवाले भगवान केशव ने मुझसे कहा था कि: ‘यदि मानव सबको छोड़कर एकमात्र मेरी शरण में आ जाय और एकादशी को निराहार रहे तो वह सब पापों से छूट जाता है ।’
www.lifecanbechanged.com
🙏 एकादशी व्रत करनेवाले पुरुष के पास विशालकाय, विकराल आकृति और काले रंगवाले दण्ड पाशधारी भयंकर यमदूत नहीं जाते । अंतकाल में पीताम्बरधारी, सौम्य स्वभाववाले, हाथ में सुदर्शन धारण करनेवाले और मन के समान वेगशाली विष्णुदूत आखिर इस वैष्णव पुरुष को भगवान विष्णु के धाम में ले जाते हैं । अत: निर्जला एकादशी को पूर्ण यत्न करके उपवास और श्रीहरि का पूजन करो । स्त्री हो या पुरुष, यदि उसने मेरु पर्वत के बराबर भी महान पाप किया हो तो वह सब इस एकादशी व्रत के प्रभाव से भस्म हो जाता है । जो मनुष्य उस दिन जल के नियम का पालन करता है, वह पुण्य का भागी होता है । उसे एक एक प्रहर में कोटि कोटि स्वर्णमुद्रा दान करने का फल प्राप्त होता सुना गया है । मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है, वह सब अक्षय होता है, यह भगवान श्रीकृष्ण का कथन है । निर्जला एकादशी को विधिपूर्वक उत्तम रीति से उपवास करके मानव वैष्णवपद को प्राप्त कर लेता है । जो मनुष्य एकादशी के दिन अन्न खाता है, वह पाप का भोजन करता है । इस लोक में वह चाण्डाल के समान है और मरने पर दुर्गति को प्राप्त होता है ।

🙏 जो ज्येष्ठ के शुक्लपक्ष में एकादशी को उपवास करके दान करेंगे, वे परम पद को प्राप्त होंगे । जिन्होंने एकादशी को उपवास किया है, वे ब्रह्महत्यारे, शराबी, चोर तथा गुरुद्रोही होने पर भी सब पातकों से मुक्त हो जाते हैं ।
www.lifecanbechanged.com
🙏 कुन्तीनन्दन ! ‘निर्जला एकादशी’ के दिन श्रद्धालु स्त्री पुरुषों के लिए जो विशेष दान और कर्त्तव्य विहित हैं, उन्हें सुनो: उस दिन जल में शयन करनेवाले भगवान विष्णु का पूजन और जलमयी धेनु का दान करना चाहिए अथवा प्रत्यक्ष धेनु या घृतमयी धेनु का दान उचित है । पर्याप्त दक्षिणा और भाँति भाँति के मिष्ठान्नों द्वारा यत्नपूर्वक ब्राह्मणों को सन्तुष्ट करना चाहिए । ऐसा करने से ब्राह्मण अवश्य संतुष्ट होते हैं और उनके संतुष्ट होने पर श्रीहरि मोक्ष प्रदान करते हैं । जिन्होंने शम, दम, और दान में प्रवृत हो श्रीहरि की पूजा और रात्रि में जागरण करते हुए इस ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत किया है, उन्होंने अपने साथ ही बीती हुई सौ पीढ़ियों को और आनेवाली सौ पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुँचा दिया है । निर्जला एकादशी के दिन अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शैय्या, सुन्दर आसन, कमण्डलु तथा छाता दान करने चाहिए । जो श्रेष्ठ तथा सुपात्र ब्राह्मण को जूता दान करता है, वह सोने के विमान पर बैठकर स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है । जो इस एकादशी की महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता अथवा उसका वर्णन करता है, वह स्वर्गलोक में जाता है । चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को सूर्यग्रहण के समय श्राद्ध करके मनुष्य जिस फल को प्राप्त करता है, वही फल इसके श्रवण से भी प्राप्त होता है । पहले दन्तधावन करके यह नियम लेना चाहिए कि : ‘मैं भगवान केशव की प्रसन्न्ता के लिए एकादशी को निराहार रहकर आचमन के सिवा दूसरे जल का भी त्याग करुँगा ।’ द्वादशी को देवेश्वर भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए । गन्ध, धूप, पुष्प और सुन्दर वस्त्र से विधिपूर्वक पूजन करके जल के घड़े के दान का संकल्प करते हुए निम्नांकित मंत्र का उच्चारण करे :

🙏 देवदेव ह्रषीकेश संसारार्णवतारक ।
उदकुम्भप्रदानेन नय मां परमां गतिम्॥

🙏 'संसारसागर से तारनेवाले हे देवदेव ह्रषीकेश ! इस जल के घड़े का दान करने से आप मुझे परम गति की प्राप्ति कराइये ।’

🙏 भीमसेन ! ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की जो शुभ एकादशी होती है, उसका निर्जल व्रत करना चाहिए । उस दिन श्रेष्ठ ब्राह्मणों को शक्कर के साथ जल के घड़े दान करने चाहिए । ऐसा करने से मनुष्य भगवान विष्णु के समीप पहुँचकर आनन्द का अनुभव करता है । तत्पश्चात् द्वादशी को ब्राह्मण भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन करे । जो इस प्रकार पूर्ण रुप से पापनाशिनी एकादशी का व्रत करता है, वह सब पापों से मुक्त हो आनंदमय पद को प्राप्त होता है ।
www.lifecanbechanged.com
🙏 यह सुनकर भीमसेन ने भी इस शुभ एकादशी का व्रत आरम्भ कर दिया । तबसे यह लोक मे ‘पाण्डव द्वादशी’ के नाम से विख्यात हुई ।SPECIAL NOTE FOR JINKA FAST NAHI HAI WOH IS MSG KOH POORAN SHARDA KAI SATH SHARE KARE UNKO PORA PHALADESH MILEGA. BHAGWAN VISHNU KI JAI. FOR MORE INFORMATION  LOGON TO WWW.LIFECANBECHANGED.COM PLZ SHARE TO ALL UR CONTACT LIST IN 15 MINUTES. AFTER READING THIS. FOR POORAN PHALADESH दोस्तों आज अगर क़ोई  व्रत नहीं भी रख पाया तोह भी कोई अफ़सोस ना करे बल्की अधिक सेह अधिक लोगो कोह येह सम्पूरण जानकारी बेजने पर बी पूर्ण फलादेश मिलेगा क्योकि जिसने व्रत रखा हैं वह विधी वद व्रत का पालन कर  सके। जय सचिदानद भगवान विष्णु जी की। FOR MORE INFORMATION LOGON TO WWW.LIFECANBECHANGED.COM 🙏 plz share.
🙏🌺🌹🍁🍀🌷🌻🌸🙏

Friday 15 May 2015

जन्म-कुण्डली के सोए हुए घर कैसे जगाए अपनी जन्म-कुण्डली के सोए हुए घर लाल किताब के अनुसार जिस घर में कोई ग्रह न हो तथा जिस घर पर किसी ग्रह की नज़र नहीं पड़ती हो उसे सोया हुआ घर माना जाता है. लाल किताब का मानना है जो घर सोया होता है उस घ्रर से सम्बन्धित फल तब तक प्राप्त नहीं होता है जबतक कि वह घर जागता नहीं है. लाल किताब में सोये हुए घरों को जगाने के लिए कई उपाय बताए गये हैं.....

जन्म-कुण्डली के सोए हुए घर
कैसे जगाए अपनी जन्म-कुण्डली के सोए हुए घर

लाल किताब के अनुसार जिस घर में कोई ग्रह न हो तथा जिस घर पर किसी ग्रह की नज़र नहीं पड़ती हो उसे सोया हुआ घर माना जाता है. लाल किताब का मानना है जो घर सोया होता है उस घ्रर से सम्बन्धित फल तब तक प्राप्त नहीं होता है जबतक कि वह घर जागता नहीं है. लाल किताब में सोये हुए घरों को जगाने के लिए कई उपाय बताए गये हैं.

जिन लोगों की कुण्डली में प्रथम भाव सोया हुआ हो उन्हें इस घर को जगाने के लिए मंगल का उपाय करना चाहिए. मंगल का उपाय करने के लिए मंगलवार का व्रत करना चाहिए. मंगलवार के दिन हनुमान जी को लडुडुओं का प्रसाद चढ़ाकर बांटना चाहिए. मूंगा धारण करने से भी प्रथम भाव जागता है.
अगर दूसरा घर सोया हुआ हो तो चन्द्रमा का उपाय शुभ फल प्रदान करता है. चन्द्र के उपाय के लिए चांदी धारण करना चाहिए. माता की सेवा करनी चाहिए एवं उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए. मोती धारण करने से भी लाभ मिलता है.
तीसरे घर को जगाने के लिए बुध का उपाय करना लाभ देता है. बुध के उपाय हेतु दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. बुधवार के दिन गाय को चारा देना चाहिए.
लाल किताब के अनुसार किसी व्यक्ति की कुण्डली में अगर चौथा घर सोया हुआ है तो चन्द्र का उपाय करना लाभदायी होता है.
पांचवें घर को जागृत करने के लिए सूर्य का उपाय करना फायदेमंद होता है. नियमित आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ एवं रविवार के दिन लाल भूरी चीटियों को आटा, गुड़ देने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है.
छठे घर को जगाने के लिए राहु का उपाय करना चाहिए. जन्मदिन से आठवां महीना शुरू होने पर पांच महीनों तक बादाम मन्दिर में चढ़ाना चाहिए, जितना बादाम मन्दिर में चढाएं उतना वापस घर में लाकर सुरक्षित रख दें. घर के दरवाजा दक्षिण में नहीं रखना चाहिए. इन उपायों से छठा घर जागता है क्योंकि यह राहु का उपाय है.
सोये हुए सातवें घर के लिए शुक्र को जगाना होता है. शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि सबसे आवश्यक है.
सोये हुए आठवें घर के लिए चन्द्रमा का उपाय शुभ फलदायी होता है.
जिनकी कुण्डली में नवम भाव सोया हो उनहें गुरूवार के दिन पीलावस्त्र धारण करना चाहिए. सोना धारण करना चाहिए व माथे पर हल्दी अथवा केशर का तिलक करना चाहिए. इन उपाय से गुरू प्रबल होता है और नवम भाव जागता है.
दशम भाव को जागृत करने हेतु शनिदेव का उपाय करना चाहिए.
एकादश भाव के लिए भी गुरू का उपाय लाभकारी होता है.
अगर बारहवां घ्रर सोया हुआ हो तो घर मे कुत्ता पालना चाहिए. पत्नी के भाई की सहायता करनी चाहिए. मूली रात को सिरहाने रखकर सोना चाहिए और सुबह मंदिर मे दान करना चाहिए.

Saturday 2 May 2015

क्रोध धीरे-धीरे कम होने लगेगा १) :: अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं . wash basin में ही यह काम कर आया करें ! २) ::....

क्रोध धीरे-धीरे कम होने लगेगा
१) ::
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है
कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है
तो कभी टिकेगा ही नहीं .
wash basin में ही यह काम कर आया करें !
२) ::
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर
छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.!
बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.!
अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते हैं !
३) ::
जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी जरुर पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहू का सम्मान करते हैं.!
जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को स्वच्छ पानी हमेशा पिलाते हैं उनके घर में कभी भी राहू का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.!
४) ::
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों से डटकर लड़ पाते हैं.!
जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं, उन लोगों को depression, anxiety जैसी परेशानियाँ जल्दी से नहीं पकड़ पातीं.!
५) ::
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी
६) ::
उन लोगों का राहू और शनि खराब होगा, जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे तक फैला कर रखते हैं ! ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें.!
७)::
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए,
जो कि हम में से बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ! नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें.!
आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढेगी और क्रोध
धीरे-धीरे कम होने लगेगा.!
८) ::
रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरित घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में बरकत बनी रहती है.!
उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है.!
हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है.!
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.!

ग्रह बाधा से आपको शुभ फल ही मिलेंगा नवग्रह बाधा निवारण बहोत जरुरी है जीवन मे नवग्रह देवता की क्रिपा। इनके कृपा से हर कार्य संभव है, परंतु जब ग्रह बाधा हो तो जीवन मे दुख का अत्याचार बढता जाता है।....

ग्रह बाधा से आपको शुभ फल ही मिलेंगा
नवग्रह बाधा निवारण

बहोत जरुरी है जीवन मे नवग्रह देवता की क्रिपा। इनके कृपा से हर कार्य संभव है, परंतु जब ग्रह बाधा हो तो जीवन मे दुख का अत्याचार बढता जाता है। ऐसे समय मे इन्सान बहोत कूछ खो देता हैं|
यह साधना ग्रह पीडा भी उतार देता है परेशानिया इस प्रकार से आती है जैसे धूप काल मे बारीश। 

बस करो मित्रो, अब ग्रह बाधा के संबंध मे यह साधना करना आवश्यक है। 
जीवन मे एक बार तो यह साधना करना ही चाहिए। यह मंत्र हनुमानजी का है और इस मंत्र से ग्रह दोष कम होते है और साथ मे ग्रहो का अच्छा फल भी मिलता है 
विधि:-
इस साधना को ग्रहण काल मे शुरु करे, जैसे ग्रहण के समय मे १ माला जाप करना है फिर एक पाठ हनुमान चालीसा का करे। इस तरह से रोज ऐसा करे २१ दिनो तक 
विश्वास रखिये जो ग्रह आप आपके अनुकूल न हो या जिनका प्रभाव से आप पीडित है। 
उन सभी ग्रह बाधा से आपको शुभ फल ही मिलेंगा 

मंत्र :-॥ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय देव दानव यक्ष राक्षस भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी दुष्टग्रहबन्धनाय रामदूताय स्वाहा ॥ 

Monday 13 April 2015

क्या पता किसी ज़रूरतमंद को वक़्त पर मिल जाये शुगर का इलाज" नुस्खा-ए-ख़ास १-लहसुन छिला हुआ आधी छटाँक। २-अदरक सब्ज़ (ताज़ा) एक छटाँक। ३-पुदीना सब्ज़ (हरा) एक छटाँक। ४-अनारदाना खट्टा एक छटाँक। इन चारों चीज़ों को पीस कर चटनी बना लें। और सुबह, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच खा लें। पुरानी से पुरानी शुगर, यहाँ तक कि शुगर की वजह से जिस मरीज़ के जिस्म के किसी हिस्से को काटने की सलाह भी दी गयी हो तब भी ये चटनी बहुत फायदेमंद इलाज है। अगर हो सके तो इसे आगे भी फॉरवर्ड कर दें। क्या पता किसी ज़रूरतमंद को वक़्त पर मिल जाये।...

क्या पता किसी ज़रूरतमंद को वक़्त पर मिल जाये
शुगर का इलाज"
  नुस्खा-ए-ख़ास

१-लहसुन छिला हुआ आधी छटाँक।
२-अदरक सब्ज़ (ताज़ा) एक छटाँक।
३-पुदीना सब्ज़ (हरा) एक छटाँक।
४-अनारदाना खट्टा एक छटाँक।

इन चारों चीज़ों को पीस कर चटनी बना लें।
और सुबह, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच खा लें।
पुरानी से पुरानी शुगर, यहाँ तक कि शुगर की वजह से जिस मरीज़ के जिस्म के किसी हिस्से को काटने की सलाह भी दी गयी हो तब भी ये चटनी बहुत फायदेमंद इलाज है।
अगर हो सके तो इसे आगे भी फॉरवर्ड कर दें।
क्या पता किसी ज़रूरतमंद को वक़्त पर मिल जाये।
३-पुदीना सब्ज़ (हरा) एक छटाँक।
४-अनारदाना खट्टा एक छटाँक।

इन चारों चीज़ों को पीस कर चटनी बना लें।
और सुबह, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच खा लें।
पुरानी से पुरानी शुगर, यहाँ तक कि शुगर की वजह से जिस मरीज़ के जिस्म के किसी हिस्से को काटने की सलाह भी दी गयी हो तब भी ये चटनी बहुत फायदेमंद इलाज है।
अगर हो सके तो इसे आगे भी फॉरवर्ड कर दें।
क्या पता किसी ज़रूरतमंद को वक़्त पर मिल जाये।

सुबह शाम चाटने से बलगमी खाँसी दूर होती है। - 2 से 3 ग्राम हरड़ चूर्ण में समभाग शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से ʹरसायनʹ के लाभ प्राप्त होते हैं। - 15-20 नीम के पत्ते तथा 2-3 काली मिर्च 15-20 दिन चबाकर खाने से वर्षभर चर्मरोग, ज्वर, रक्तविकार आदि रोगों से रक्षा होती है। - अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर उसमें नींबू का रस और थोड़ा नमक मिला के सेवन करने से मंदाग्नि दूर होती है। - 5 ग्राम रात को भिगोयी हुई मेथी सुबह चबाकर पानी पीने से पेट की गैस दूर होती है। - रीठे का छिलका पानी में पीसकर 2-2 बूँद नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द दूर होता है। - 10 ग्राम घी में 15 ग्राम गुड़ मिलाकर लेने से सूखी खाँसी में राहत मिलती है। - 10 ग्राम शहद, 2 ग्राम सौंठ व 1 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह शाम चाटने से बलगमी खाँसी दूर होती है।....

सुबह शाम चाटने से बलगमी खाँसी दूर होती है।

- 2 से 3 ग्राम हरड़ चूर्ण में समभाग शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से ʹरसायनʹ के लाभ प्राप्त होते हैं।
- 15-20 नीम के पत्ते तथा 2-3 काली मिर्च 15-20 दिन चबाकर खाने से वर्षभर चर्मरोग, ज्वर, रक्तविकार आदि रोगों से रक्षा होती है।
- अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर उसमें नींबू का रस और थोड़ा नमक मिला के सेवन करने से मंदाग्नि दूर होती है।
- 5 ग्राम रात को भिगोयी हुई मेथी सुबह चबाकर पानी पीने से पेट की गैस दूर होती है।
- रीठे का छिलका पानी में पीसकर 2-2 बूँद नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द दूर होता है।
- 10 ग्राम घी में 15 ग्राम गुड़ मिलाकर लेने से सूखी खाँसी में राहत मिलती है।
- 10 ग्राम शहद, 2 ग्राम सौंठ व 1 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह शाम चाटने से बलगमी खाँसी दूर होती है।

- 15-20 नीम के पत्ते तथा 2-3 काली मिर्च 15-20 दिन चबाकर खाने से वर्षभर चर्मरोग, ज्वर, रक्तविकार आदि रोगों से रक्षा होती है।
- अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर उसमें नींबू का रस और थोड़ा नमक मिला के सेवन करने से मंदाग्नि दूर होती है।
- 5 ग्राम रात को भिगोयी हुई मेथी सुबह चबाकर पानी पीने से पेट की गैस दूर होती है।
- रीठे का छिलका पानी में पीसकर 2-2 बूँद नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द दूर होता है।
- 10 ग्राम घी में 15 ग्राम गुड़ मिलाकर लेने से सूखी खाँसी में राहत मिलती है।
- 10 ग्राम शहद, 2 ग्राम सौंठ व 1 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह शाम चाटने से बलगमी खाँसी दूर होती है।

Saturday 28 March 2015

मंत्र सिद्ध है शाबर महाकाली साधना. मंत्र सिद्ध है फिर भी मन मे येसा कुछ ना आये के मुज़े अनुभव कैसे मिलेगा ईसलिये किसी भी मंगलवार के दिन शाम को 6:30 से 7:30 के समय मे मंत्र का 108 बार जाप कर लिजिये और 21 आहुती घी का दे ....

मंत्र सिद्ध है
शाबर महाकाली साधना.

मंत्र सिद्ध है फिर भी मन मे येसा कुछ ना आये के मुज़े अनुभव कैसे मिलेगा ईसलिये किसी भी मंगलवार के दिन शाम को 6:30 से 7:30 के समय मे मंत्र का 108 बार जाप कर लिजिये और 21 आहुती घी का दे साथ मे एक नींबू मंत्र का जाप करके चाकू से काटे तो बलि विधान भी पूर्ण हो जायेगा,नींबू को हवन कुंड मे डालना ना भूले.
अब जब भी आपको अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु विधान करना हो तब जमीन पर थोडासा कुछ बुंद जल डाले और हाथ से जमीन को पौछ लिजिये.
साफ़ जमीन पर कपूर कि टिकिया रखे और मन ही मन अपनी कामना बोलिये.अब तीन बार "ओम नम: शिवाय" बोलकर कपूर जलाये और माहाकाली मंत्र का जाप करे,यहा पर मंत्र जाप संख्या का गिनती नही करना है और जाप करते समय ध्यान कपूर के ज्योत मे होना चाहिये इसलिये मंत्र भी पहिले ही याद करना जरुरी है.
कम से कम 3-4 टिकिया कपूर का इस्तेमाल करे और कपूर इस क्रिया मे बुज़ना नही चाहिये जब तक आपका जाप पूर्ण ना हो और इतने समय तक जाप करे अन्दाज से के आपका 21 बार मंत्र जाप होना चाहिये.अब आपही सोचिये आपको रोज कितना कपूर जलाना है.
साधना तब तक करना है जब तक आपका इच्छा पूर्ण ना हो और इच्छा पूर्ण होने के बाद कुछ गरिब बच्चो मे कुछ मिठा बाटे क्युके इच्छा पूर्ण होने के खुशी मे..
मंत्र-
ll ओम नमो आदेश माता-पिता-गुरू को l आदेश कालिका माता को,धरती माता-आकाश पिता को l ज्योत पर ज्योत चढाऊ ज्योत कालिका माता को,मन की इच्छा पुरन कर,सिद्धी कारका l दुहाई माहादेव कि ll

Wednesday 25 March 2015

वजन बढ़ने तक की समस्या का समाधान हो सकता है. पति या पत्नी के साथ सोने के हैं कई फायदे! कई बार ऐसा होता है कि आप अपने पार्टनर के साथ सोना नहीं चाहते हैं.......

वजन बढ़ने तक की समस्या का समाधान हो सकता है.
              पति या पत्नी के साथ सोने के हैं कई फायदे!
कई बार ऐसा होता है कि आप
अपने पार्टनर के साथ सोना नहीं चाहते हैं
लेकिन हाल ही में हुए एक रिसर्च में
जो बातें सामने आयी हैं उन्हें जानने के
बाद शायद आप ऐसा नहीं करेंगे
क्योंकि रिसर्च से इस बात का पता लगा है कि साथ सोने
के बड़े फायदे हैं.
कुछ दिनों पहले इस बात का पता लगाने के लिए कई
रिसर्च किए गए कि अपने पार्टनर के साथ सोना फायदेमंद
है या हानिकारक?
इस स्टडी के अनुसार जो महिलाएं लंबे और
अच्छे रिश्ते में होती हैं उन्हें
जल्दी और
गहरी नींद
आती है
वहीं जो अकेली या कमजोर
रिश्ते में होती हैं उनके साथ बिल्कुल
उल्टा होता है. वहीं इस रिसर्च से
जुड़ी एक प्रोफेसर का कहना है
कि मनोवैज्ञानिक दबाव झेल रहे लोगों के लिए साथ
सोना बहुत फायदेमंद है.
इनसे जुड़े कारणों के बारे में प्रोफेसर का कहना है
कि जब जोड़े साथ सोते हैं तो एक-दूसरे से
सुरक्षा की भावना से जुड़े होते हैं. जिससे
उन्हें तसल्ली से नींद
आती है. वहीं 2010 के एक
रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि जब
जोड़े रात को साथ सोते हैं, उनकी सुबह
अच्छी गुजरती है.
आपको बता दे कि इस स्टडी के अनुसार साथ
सोने से नींद नहीं आने से
लेकर वजन बढ़ने तक
की समस्या का समाधान हो सकता है.

Tuesday 17 March 2015

यह वस्तुएँ देव पूजा के योग्य नहीं रहती हैं १. घर में पूजा करने वाला एक ही मूर्ति की पूजा नहीं करें। अनेक देवी-देवताओं की पूजा करें। घर में दो शिवलिंग की पूजा ना करें तथा पूजा स्थान पर तीन गणेश नहीं रखें। २. शालिग्राम की मूर्ति जितनी छोटी हो वह ज्यादा फलदायक है।.....

यह वस्तुएँ देव पूजा के योग्य नहीं रहती हैं
१. घर में पूजा करने वाला एक ही मूर्ति की पूजा नहीं करें। अनेक देवी-देवताओं की पूजा करें। घर में दो शिवलिंग की पूजा ना करें तथा पूजा स्थान पर तीन गणेश नहीं रखें।
२. शालिग्राम की मूर्ति जितनी छोटी हो वह ज्यादा फलदायक है।
३. कुशा पवित्री के अभाव में स्वर्ण की अंगूठी धारण करके भी देव कार्य सम्पन्न किया जा सकता है।
४. मंगल कार्यो में कुमकुम का तिलक प्रशस्त माना जाता हैं। पूजा में टूटे हुए अक्षत के टूकड़े नहीं चढ़ाना चाहिए।
५. पानी, दूध, दही, घी आदि में अंगुली नही डालना चाहिए। इन्हें लोटा, चम्मच आदि से लेना चाहिए क्योंकि नख स्पर्श से वस्तु अपवित्र हो जाती है अतः यह वस्तुएँ देव पूजा के योग्य नहीं रहती हैं।
६. तांबे के बरतन में दूध, दही या पंचामृत आदि नहीं डालना चाहिए क्योंकि वह मदिरा समान हो जाते हैं।
७. आचमन तीन बार करने का विधान हैं। इससे त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-महेश प्रसन्न होते हैं। दाहिने कान का स्पर्श करने पर भी आचमन के तुल्य माना जाता है।
८. कुशा के अग्रभाग से दवताओं पर जल नहीं छिड़के।
९. देवताओं को अंगूठे से नहीं मले। चकले पर से चंदन कभी नहीं लगावें। उसे छोटी कटोरी या बांयी हथेली पर रखकर लगावें।
९. पुष्पों को बाल्टी, लोटा, जल में डालकर फिर निकालकर नहीं चढ़ाना चाहिए।
१०. भगवान के चरणों की चार बार, नाभि की दो बार, मुख की एक बार या तीन बार आरती उतारकर समस्त अंगों की सात बार आरती उतारें।
११. भगवान की आरती समयानुसार जो घंटा, नगारा, झांझर, थाली, घड़ावल, शंख इत्यादि बजते हैं उनकी ध्वनि से आसपास के वायुमण्डल के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। नाद ब्रह्मा होता हैं। नाद के समय एक स्वर से जो प्रतिध्वनि होती हैं उसमे असीम शक्ति होती हैं।
१२. लोहे के पात्र से भगवान को नैवेद्य अपर्ण नहीं करें।
१३. हवन में अग्नि प्रज्वलित होने पर ही आहुति दें। समिधा अंगुठे से अधिक मोटी नहीं होनी चाहिए तथा दस अंगुल लम्बी होनी चाहिए। छाल रहित या कीड़े लगी हुई समिधा यज्ञ-कार्य में वर्जित हैं। पंखे आदि से कभी हवन की अग्नि प्रज्वलित नहीं करें।
१४. मेरूहीन माला या मेरू का लंघन करके माला नहीं जपनी चाहिए। माला, रूद्राक्ष, तुलसी एवं चंदन की उत्तम मानी गई हैं। माला को अनामिका (तीसरी अंगुली) पर रखकर मध्यमा (दूसरी अंगुली) से चलाना चाहिए।
१५. जप करते समय सिर पर हाथ या वस्त्र नहीं रखें। तिलक कराते समय सिर पर हाथ या वस्त्र रखना चाहिए। माला का पूजन करके ही जप करना चाहिए। ब्राह्मण को या द्विजाती को स्नान करके तिलक अवश्य लगाना चाहिए।
१६. जप करते हुए जल में स्थित व्यक्ति, दौड़ते हुए, शमशान से लौटते हुए व्यक्ति को नमस्कार करना वर्जित हैं। बिना नमस्कार किए आशीर्वाद देना वर्जित हैं।
१७. एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए। सोए हुए व्यक्ति का चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। बड़ों को प्रणाम करते समय उनके दाहिने पैर पर दाहिने हाथ से और उनके बांये पैर को बांये हाथ से छूकर प्रणाम करें।
१८. जप करते समय जीभ या होंठ को नहीं हिलाना चाहिए। इसे उपांशु जप कहते हैं। इसका फल सौगुणा फलदायक होता हैं।
१९. जप करते समय दाहिने हाथ को कपड़े या गौमुखी से ढककर रखना चाहिए। जप के बाद आसन के नीचे की भूमि को स्पर्श कर नेत्रों से लगाना चाहिए।
२०. संक्रान्ति, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, रविवार और सन्ध्या के समय तुलसी तोड़ना निषिद्ध हैं।
२१. दीपक से दीपक को नही जलाना चाहिए।
२२. यज्ञ, श्राद्ध आदि में काले तिल का प्रयोग करना चाहिए, सफेद तिल का नहीं। 

Monday 23 February 2015

आपने कई बार देखा होगा की कई तांत्रिक या भगत लोग एक दवाई अपने पास रखते है।।जिसे कभी कोई भूत प्रेत मशान या कोई भी परेशानी होती है...

आपने कई बार देखा होगा की कई तांत्रिक या भगत लोग एक दवाई अपने पास रखते है।।जिसे कभी कोई भूत प्रेत मशान या कोई भी परेशानी होती है वे सुंघा देते है और वह ठीक हो जाता है आज में आप लोगो को वह बताने जा रही हूँ के वह् कया होता है की अचानक किसी को कोई प्रेत बाधा या भूत बाधा हो उसे सूंघने से फ़ौरन उतर जाती है।🌿🌿🌿🌿
लाल कनेर के फूल
काली मिर्च
गंधक
नोशादर
कायफल jaiphal
सबको लेकर बारीक करके एक शीशीमे भर ले उसके बाद किसी को परेशानी हो तो जरा सा गंगा जल डाल कर शीशी को खूब हिला कर या हाथ पे रगड़कर रोगी को सुंघा दे रोगी उसी टाइम ठीक हो जायेगा

Wednesday 18 February 2015

जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :- विविध कामना सिद्धि के कुछ मानता निम्नलिखित है जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :- 1) मुकदमे में जीत हेतु - पवन तनय बल पवन सामना, बुद्धि बिबेक बिज्ञान निधाना। कवन सो काज कठिन जग माही, जो नहीं होइ तात तुम पाहि।।

जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :-
विविध कामना सिद्धि के कुछ मानता निम्नलिखित है जिनसे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं :-

1) मुकदमे में जीत हेतु -
पवन तनय बल पवन सामना, बुद्धि बिबेक बिज्ञान निधाना।
कवन सो काज कठिन जग माही, जो नहीं होइ तात तुम पाहि।।

2) श्री हनुमान जी की प्रसन्नता प्राप्ति के लिए -
सुमिरि पवनसुत पावन नामू 7 अपने बस करी राखे रामू।।

3) मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिए -
हनुमान अंगद रन गाजे। हांक सुनत रजनीचर भाजे।।

 5) डर व भूत भागने का मंत्र -
प्रनवउं पवनकुमार खेल बन पावक ग्यान घन।
जासु हृदय अगर बसहि राम सर चाप धार।।
6) ज्ञान-प्राप्ति के लिये-
छिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम सरीरा।।

7) यात्रा की सफलता के लिए-
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदयं राखि कोसलपुर राजा॥

8)  विवाह के लिए-
तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।
मांडवी श्रुतकीरति उरमिला, कुंअरि लई हंकारि कै॥

9) शत्रुता समाप्ति हेतु -
बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥

10) मनचाहे कार्यों की सफलता हेतु -
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।

11) काम धंदे के लिए
बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

12) गरीबी समाप्ति हेतु -
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारि के।।

13) विविध रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति के लिए
दैहिक दैविक भौतिक तापा।राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥

14) शिक्षा में सफलता के लिए
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भांती। जासु कृपा नहिं कृपां अघाती॥

15) संकट-नाश के लिए
जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।।
जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।

Monday 16 February 2015

यदि आप जी ने भी शिव जी के दर्शन करने हैं तो एक ही दिन मैं भगवान शिव को प्रसन करने का बहुत आसान सा पाठ....

यदि आप जी ने भी शिव जी के दर्शन करने हैं तो
एक ही दिन मैं भगवान शिव को प्रसन करने का बहुत आसान सा पाठ
शिवरात्रि की रात को सफेद 2 आसन लो एक अपने लिए  ओर एक  भगवान शिव जी के लिए ,,,एक  आसन को बिछा कर खुद बेठो ओर एक आसन अपने सामने भगवान शिव के लिए बिछा दो ओर उसके उपर फूलों की कुछ पंखड़ीय रख दो धूप दीप जला कर निच्चे लिखा मन्त्र रात 10 बजे के बाद 3 घेंटे तक करो आप को भगवान शिव जी का साक्षात अनुभव होगा
मंत्र
शिव गोरक्ष महादेव केलाश से आओ,, दर्शन दिखाओ,, रिधि सिधि नाल लेआओ,, सिधों को लाओ,, आओ आओ धुनि जमाओ,, शिव गोरक्ष  शम्बु सीध गुरु का आसन आन,, गोरक्ष  सीध को आदेश आदेश आदेश
शिव भगतो यह सीध मन्त्र है ओर हमारा अनुभव किया है यदि आप जी ने भी शिव जी  के दर्शन करने हैं तो यह मन्त्र का पाठ ज़रूर करें

Tuesday 3 February 2015

सका सेवन करें नपुसंकता की समस्या दूर हो जाएगी। चलिए आज जानते है इमली से जुड़े कुछ ऐसे ही लाजवाब नुस्खों के बारे में..... * इमली के बीज दूध में इतना उबाल लें कि उसका छिलका आसानी से उतर जाए। फिर उसका छिलका उतारकर सफेद गिरी को बारीक पीस ले और घी में भून लें, इसके बाद सामान मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें।रोजाना थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करें नपुसंकता की समस्या दूर हो जाएगी।...

इसका सेवन करें नपुसंकता की समस्या दूर हो जाएगी।

चलिए आज जानते है इमली से जुड़े कुछ ऐसे ही लाजवाब नुस्खों के बारे में.....

* इमली के बीज दूध में इतना उबाल लें कि उसका छिलका आसानी से उतर जाए। फिर उसका छिलका उतारकर सफेद गिरी को बारीक पीस ले और घी में भून लें, इसके बाद सामान मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें।रोजाना थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करें नपुसंकता की समस्या दूर हो जाएगी।

* अजवायन और इमली के बीज व गुड़ की समान मात्रा लेकर घी में अच्छी तरह भून लें।इसकी कुछ मात्रा रोजाना लेने से पुरुषों की #नपुसंकता दूर होती है।

* पके हुए इमली के फलों के रस की करीब 15 ग्राम मात्रा #बुखार से पीडि़त रोगी को दिया जाए तो बुखार उतर जाता है। इस रस में इलायची और कुछ मात्रा में खजूर भी मिला दिया जाए तो ज्यादा असरकारक होता है।

* सीने में जलन होने पर पकी इमली के रस में मिश्री मिलाकर पीएं #सीने की जलन कम हो जाती है।

* इमली की पत्तियों और फूल को एकत्र कर पानी के साथ उबालकर काढा तैयार जाए और इसे #पीलिया रोगी को दिया जाए तो उसे राहत मिलती है। माना जाता है कि इस काढे का सेवन एक सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार करने से पीलिया में काफी फायदा करता है।

* चोट लगने या मोंच आने पर इमली के पत्तों को पानी में उबालकर, उस पानी से सिकाई करने पर बहुत जल्दी राहत मिलती है।

* लगभग 500 ग्राम इमली 4 दिन के लिए पानी में भिगो दें। उसके बाद इमली के छिलके उतारकर छाया में सुखाकर पीस लें। उसके बाद 500 ग्राम के लगभग मिश्री मिलाकर एक चौथाई चाय की चम्मच चूर्ण (मिश्री और इमली मिला हुआ) दूध के साथ प्रतिदिन दो बार लगभग 50 दिनों तक लेने से लाभ होगा।

* पके हुए इमली के फलों को पानी के साथ मसलकर रस तैयार किया जाता है और हल्की सी मात्रा में काला नमक डालकर सेवन किया जाए तो #भूख लगने लगती है। प्रतिदिन दो बार ऐसा करने से भूख ना लगने की शिकायत दूर हो जाती है।

* उल्टी होने पर पकी इमली को पाने में भिगोए और इस इमली के रस को पिलाने से #उल्टी आनी बंद हो जाती है।

* इमली की पत्तियों को पानी के साथ कुचलकर लेप तैयार किया जाए और जोड़ दर्द वाले हिस्सों या #सूजन पर लगाया जाए तो सूजन में तेजी से आराम मिलता है।

* एक किलो इमली के बीजों को तीन-चार दिनों तक पानी में भीगे पड़े रहने दें। इसके पश्चात उन बीजों को पानी से निकालकर और छिलके उतारकर ठीक तरह से पीस लें। इसमें इससे दो गुना पुराने गुड़ को मिलाकर इसे आटे की तरह गूंथ लें। फिर इसकी बेर के बराबर गोलियां बना लें। सेक्स क्रिया करने के दो घंटे पहले इसे दूध के साथ इस्तेमाल करें। इस तरह का उपाय #सेक्स करने की ताकत को और अधिक मजबूत बनाता है।

*इमली के औषधीय गुण.....!

* #वीर्य – पुष्टिकर योग के लिए इमली के बीज दूध में कुछ देर पकाकर और उसका छिलका उतारकर सफ़ेद गिरी को बारीक पीस ले और घी में भून लें, इसके बाद सामान मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें | इसे प्रातः एवं शाम को ५-५ ग्राम दूध के साथ सेवन करने से #वीर्य पुष्ट हो जाता है | बल और स्तम्भन शक्ति बढ़ती है तथा स्व-प्रमेह नष्ट हो जाता है |

* नशा समाप्त करने के लिएपकी इमली का गूदा जल में भिगोकर, मथकर, और छानकर उसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर पिलाना चाहिए |

* इमली के गूदे का पानी पीने से वमन, #पीलिया, प्लेग, गर्मी के ज्वर में भी लाभ होता है |

* ह्रदय की दाहकता या जलन को शान्त करने के लिये पकी हुई इमली के रस (गूदे मिले जल) में मिश्री मिलाकर पिलानी चाहियें |

* पकी हुई इमली के गूदे को हाथ और पैरों के तलओं पर मलने से #लू का प्रभाव समाप्त हो जाता है | यदि इस गूदे का गाढ़ा धोल बालों से रहित सर पर लगा दें तो लू के प्रभाव से उत्पन्न बेहोसी दूर हो जाती है |

* चोट – मोच लगने पर #इमली की ताजा पत्तियाँ उबालकर, मोच या टूटे अंग को उसी उबले पानी में सेंके या धीरे – धीरे उस स्थान को उँगलियों से हिलाएं ताकि एक जगह जमा हुआ रक्त फ़ैल जाए |

* गले की सूजन मे इमली १० ग्राम को १ किलो जल में अध्औटा कर (आधा जलाकर) छाने और उसमें थोड़ा सा गुलाबजल मिलाकर रोगी को गरारे या कुल्ला करायें तो गले की #सूजन में आराम मिलता है |

* टी.बी. या #क्षय की खांसी हो (जब कफ़ थोड़ा रक्त आता हो) तब इमली के बीजों को तवे पर सेंक, ऊपर से छिलके निकाल कर कपड़े से छानकर चूर्ण रख ले| इसे ३ ग्राम तक घृत या मधु के साथ दिन में ३-४ बार चाटने से शीघ्र ही खांसी का वेग कम होने लगता है | कफ़ सरलता से निकालने लगता है और रक्तश्राव व् पीला कफ़ गिरना भी समाप्त हो जाता है |

* ह्रदय में जलन होने पर पकी इमली का रस मिश्री के साथ पिलाने से ह्रदय में जलन कम हो जाती है |

* नेत्रों में गुहेरी होने पर इमली के बीजों की गिरी पत्थर पर घिसें और इसे #गुहेरी पर लगाने से तत्काल ठण्डक पहुँचती है |

* चर्मरोग होने पर लगभग ३० ग्राम इमली (गूदे सहित) को १ गिलाश पानी में मथकर पीयें तो इससे घाव, #फोड़े-फुंसी में लाभ होगा |

* उल्टी होने पर पकी इमली को पाने में भिगोयें और इस इमली के रस को पिलाने से #उल्टी आनी बंद हो जाती है |

* भांग का नशा उतारने के लिए शीतल जल में इमली को भिगोकर उसका रस निकालकर रोगी को पिलाने से उसका #नशा उतर जाएगा |

* खूनी बवासीर में इमली के पत्तों का रस निकालकर रोगी को सेवन कराने से #रक्तार्श में लाभ होता है |

* #शीघ्रपतन में लगभग ५०० ग्राम इमली ४ दिन के लिए जल में भिगों दे | उसके बाद इमली के छिलके उतारकर छाया में सुखाकर पीस ले | फिर ५०० ग्राम के लगभग मिश्री मिलाकर एक चौथाई चाय की चम्मच चूर्ण (मिश्री और इमली मिला हुआ) दूध के साथ प्रतिदिन दो बार लगभग ५० दिनों तक लेने से लाभ होगा |

* लगभग ५० ग्राम इमली, लगभग ५०० ग्राम पानी में दो घन्टे के लिए भिगोकर रख दें उसके बाद उसको मथकर मसल लें | इसे छानकर पी जाने से लू लगना, जी मिचलाना, बेचैनी, दस्त, शरीर में जलन आदि में लाभ होता है तथा शराब व् भांग का नशा उतर जाता है | हँ का जायेका ठीक होता है |

* बहुमूत्र में इमली का गूदा ५ ग्राम रात को थोड़े जल में भिगो दे, दूसरे दिन प्रातः उसके छिलके निकालकर दूध के साथ पीसकर और छानकर रोगी को पिला दे | इससे स्त्री और पुरुष दोनों को लाभ होता है | मूत्र- धारण की शक्ति क्षीण हो गयी हो या मूत्र अधिक बनता हो या मूत्रविकार के कारण शरीर क्षीण होकर हड्डियाँ निकल आयी हो तो इसके प्रयोग से लाभ होगा |

* #अण्डकोशों में जल भरने पर लगभग ३० ग्राम इमली की ताजा पत्तियाँ को गौमूत्र में औटाये | एकबार मूत्र जल जाने पर पुनः गौमूत्र डालकर पकायें | इसके बाद गरम – गरम पत्तियों को निकालकर किसी अन्डी या बड़े पत्ते पर रखकर सुहाता- सुहाता #अंडकोष पर बाँध कपड़े की पट्टी और ऊपर से लगोंट कास दे | सारा पानी निकल जायेगा और अंडकोष पूर्ववत मुलायम हो जायेगें |

* पीलिया या #पांडु रोग के लिए इमली के वृक्ष की जली हुई छाल की भष्म १० ग्राम बकरी के दूध के साथ प्रतिदिन सेवन करने से पान्डु रोग ठीक हो जाता है |

* आग से जल जाने पर इमली के वृक्ष की जली हुई छाल की भष्म गाय के घी में मिलाकर लगाने से, जलने से पड़े छाले व् घाव ठीक हो जाते है |

* पित्तज ज्वर में इमली २० ग्राम १०० ग्राम पाने में रात भर के लिए भिगो दे | उसके निथरे हुए जल को छानकर उसमे थोड़ा बूरा मिला दे | ४-५ ग्राम इसबगोल की फंकी लेकर ऊपर से इस जल को पीने से लाभ होता है |

* सर्प , बिच्छू आदि का #विष के लिए इमली के बीजों को पत्थर पर थोड़े जल के साथ घिसकर रख ले | दंशित स्थान पर चाकू आदि से छत करके १ या २ बीज चिपका दे | वे चिपककर विष चूसने लगेंगे और जब गिर पड़े तो दूसरा बीज चिपका दें | विष रहने तक बीज बदलते रहे |

Wednesday 28 January 2015

मित्रो आज मै यहाँ एक विशिष्ठ एवं सुलभ साधना दे रहा हु जिसके करने से यक्षिणी प्रसन्न होकर साधक को सारे ऐश्वर्य एवं सुख प्रदान करती है और कोई हानि नहीं पहुचती ....


मित्रो आज मै यहाँ एक विशिष्ठ एवं सुलभ साधना दे रहा हु जिसके करने से यक्षिणी प्रसन्न होकर साधक को सारे ऐश्वर्य एवं सुख प्रदान करती है और कोई हानि नहीं पहुचती
" भोग यक्षिणी सभी सुखो को देने वाली सात्विक"
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः
विधि-इस मन्त्र के 51000जप कीजिये और सामने सफ़ेद कागज पे लाल कुमकुम से देवी जी सामान एक महिला की आकृति बना कर कीजिये जप एव केसरियां दूध और खीर का भोग लगाइयेगा और वो खीर दूध खुद ही खाना जप रात को 11:30 के बाद 12 के पहले शुरू कर दीजिये क्जः तक हो सके दो या तीन दिन में ये जाप पूर्ण हो 5 तारीख चतुर्दशी से आरम्भ ककरे कुछ सएमी में ही यक्षिणी अनूकुल होकर साधक को समस्त ऐश्वर्य प्रदान करटी है और अगर साधना प्रबल हो तो प्रत्यक्ष भी होती ह

Saturday 24 January 2015

आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ आज में आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ जब किसी कुंडली में गुरु के साथ राहु देव बैठ जाएँ तब उस व्यकित को अस्थमा फेफड़े की बीमारी हो जाती है।और साथ ही सूर्य .....


आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ
आज में आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ जब किसी कुंडली में गुरु के साथ राहु देव बैठ जाएँ तब उस व्यकित को अस्थमा फेफड़े की बीमारी हो जाती है।और साथ ही सूर्य , शनि का सम्बन्ध भी बन रहा हो तो तपेदिक जेएसी बीमारी भी हो जाती है।
2 जब किसी की कुंडली में चंद्र केसाथ शुक्र देव भी बैठ जाएँ तो स्किन एलर्जि की परेशानी होती है। और ऐसे व्यकित की माता को भो स्किन और आँखों में परेशानी होती है।
3 सूर्य देव के साथ जब शुक्र देव बैठ जाएँ तब ऐसे जातक के शरीर में जोश की कमी आ जाती है।साथ ही शरीर के अंदर की ताकत भी नष्ट हो जाती है।
4 मंगल देव के साथ जब बुध देव एक साथ बैठ जाएँ तब खून से समबन्धित बीमारी होती है।साथ ही पेट में तेजाब बनना एसिडिटी की परेशानी और बाद में केंसर तक बन जाता है।
5 गुरु देव के साथ जब बुध देव भी बैठ जाएँ तो अस्थमा साइनस की बीमारी होती है ।और जिस घर में इये बुरा योग बन रहा हो उस घर से सम्बंधित बीमारी भी बन जाती है
6 राहु के साथ जब शुक्र देव बैठ जाएँ तो नपुनशक्ता वीर्य में कमी शरीर की हड्डियां कमजोर । गुप्तांग की बीमारी पैदा होती हैं।
7 शुक्र देव के साथ जब केतु देव हों तो व्यकित को शुगर पेशाब ,धातु गिरना की परेशानी होती है।
8 चंद्र देव के साथ जब राहु बैठ जाये तो निमोनिया और पागल पन के दौरे पड़ने लगते हैं
8 जब किसी की कुंडली में सूर्य देव मन्दे हल होए शनि या राहु से पीड़ित हों और बुध +गुरु भी एक साथ बैठ जाएँ तो पीलिया नाम को बोमारी बना देते हैं

Wednesday 21 January 2015

हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए गर्म पानी के फायदे अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो...


हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए
गर्म पानी के फायदे
अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो रोजाना एक गिलास गर्म पानी पीना शुरू कर दें। आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री हो जाएगी व ग्लो करने लगेगी।
लड़कियों को पीरियड्स के दौरान अगर पेट दर्द हो तो ऐसे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है। दरअसल इस दौरान होने वाले पैन में मसल्स में जो खिंचाव होता है उसे गर्म पानी रिलैक्स कर देता है।
गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कते खत्म हो जाती है व कब्ज और गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं।
भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पीएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा।
खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। दिल की जलन कम हो जाती है। वात से उत्पन्न रोगों में गर्म पानी अमृत समान फायदेमंद हैं।
गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है। दरअसल गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है। पसीने के माध्यम से शरीर की सारे जहरीले तत्व बाहर हो जाते हैं।
बुखार में प्यास लगने पर मरीज को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्म पानी ही पीना चाहिए बुखार में गर्म पानी अधिक लाभदायक होता है।
यदि शरीर के किसी हिस्से में गैस के कारण दर्द हो रहा हो तो एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस बाहर हो जाती है।
अधिकांश पेट की बीमारियां दूषित जल से होती हैं यदि पानी को गर्म कर फिर ठंडा कर पीया जाए तो जो पेट की कई अधिकांश बीमारियां पनपने ही नहीं पाएंगी।
गर्म पानी पीना बहुत उपयोगी रहता है इससे शक्ति का संचार होता है। इससे कफ और सर्दी संबंधी रोग बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।
दमा ,हिचकी ,खराश आदि रोगों में और तले भुने पदार्थों के सेवन के बाद गर्म पानी पीना बहुत लाभदायक होता है।
♍सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर पीने से शरीर को विटामिन सी मिलता है। गर्म पानी व नींबू का कॉम्बिनेशन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।साथ ही पी.एच. का स्तर भी सही बना रहता है।
रोजाना एक गिलास गर्म पानी सिर के सेल्स के लिए एक गजब के टॉनिक का काम करता है। सिर के स्केल्प को हाइड्रेट करता है जिससे स्केल्प ड्राय होने की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है।
वजन घटाने में भी गर्म पानी बहुत मददगार होता है। खाने के एक घंटे बाद गर्म पानी पीने से मेटॉबालिम्म बढ़ता है। यदि गर्म पानी में थोड़ा नींबू व कुछ बूंदे शहद की मिला ली जाएं तो इससे बॉडी स्लिम हो जाती है।
हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए गर्म पानी एक बेहतरीन औषधि का काम करता है।

Tuesday 20 January 2015

क्रोध शांति हेतु टोटका =============== जिन्हे बहुत अधिक क्रोध आता हो वे नित्य रात्रि में सोते समय एक ताम्बे के लोटे में ....

क्रोध शांति हेतु टोटका 
=============== जिन्हे बहुत अधिक क्रोध आता हो वे नित्य रात्रि में सोते समय एक ताम्बे के लोटे में जल भर दे और उसमे एक चाँदी का सिक्का डाल दे.|प्रातः मुह आदि धोकर इस जल का सेवन करे.|धीरे धीरे क्रोध में कमी आ जायेगी और आपका स्वभाव सोम्य होने लगेगा।

दाम्पत्य जीवन मे मधुरता लाने का उपाय गुरु पुख्य, शुभ पर्वो या अने वाली बसंत पंचमी के दिन 2 ....


दाम्पत्य जीवन मे मधुरता लाने का उपाय
गुरु पुख्य, शुभ पर्वो या अने वाली बसंत पंचमी के दिन 2 गोमती चक्र पीले कापडे मे 3 गाठ लगाकर शयन कक्ष मे दोनों पति-पत्नी की जोइंट फोटो के साथ रख दिया जावे तो जीवन मे हमेशा ताल-मेल अर्थात सम्बन्ध मे मधुरता बनी रहती है

सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके राशिनुसार सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके नाम और राशियाँ :-......


सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके
                 राशिनुसार सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके
नाम और राशियाँ :-
मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले,लो, आ
वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
मिथुन- का, की, कू,घ, ङ, छ, के, को, ह
कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
धनु- ये, यो, भा,भी, भू, धा, फा, ढा, भे
मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा गी,
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
मेष:-
मेष राशि के लडकों का सेक्स के प्रति लगाव अधिकहोता है, पर लडकियों का बहुत कम। इन लोगों को सेक्स की तरफ आकर्षित करने के लिए लाल रंग का प्रयोग करें, इस राशि के लोग भोजन में साग-सब्जी,दुध व अंकुरित भोजन का सेवन करें, इससे सेक्स पावर बढती है।
वृष:-
वृष राशि के लोग स्वभाव से बहुत ही रोमांटिक होते है। लडकियों को रोमांटिक संगीत या फिल्में देखकर मजाक-मजाक में अंगों को छूने से मूड बनता है। इस राशि के लोगों को अपनी सेक्स पावर बढाने के लिए बबूल व गोंद का हलवा,तथा उडद की दाल का सेवन करना चाहिए।
मिथुन:-
इस राशि का स्वामी बुध है इसलिए इस राशि के लडकों को आकर्षण बहुत पसंद होता है। इस राशि की लडकियों को सरप्राइज बहुत पसंद होते हैं।
इनको लुभाने के लिए कमरे में अपनी शादी की रोमांटिक फोटो चिपकाकर या उस जगह पर ले जाएं जहां बहुत सी रोमांटिक यादें जुडी हों। इस राशि के
लोगों को अपनी सेक्स पावर को बढाने के लिए उडद की दाल से बनी चीजें तथा भोजन में गोंद का प्रयोग करना चाहिए।
कर्क:-
इस राशि के लोग मनचले होते हैं। इस राशि के लोगों को रोमांटिक मूड में लाने के लिए एकांत में रोमांस करना चाहिए। साथ ही सेक्सी अंगों को मसाज करना इनको बहुत भाता है। इस राशि की लडकियों का कैंडल लाईट डिनर बहुत पसंद है। सेक्स पावर को बढाने के लिए इस राशि वाले लोग छुहारे व अश्वगंध का सेवन अवश्य करें।
सिंह:-
इस राशि का स्वामी सूर्य है। इन
लोगों को दिखावा बहुत भाता है। जब तक आप सेक्सी माहौल नहीं बनाते तब तक इनका मूड नहीं बनता। लडकियों का मिजाज कुछ परिवर्तित होता है। रात को नहाकर कपडों पर हल्का परफ्यूम लगा कर अपने पार्टनर के सेक्सी अंगों की तारीफ करें तथा सेक्स करने के अंदाज की तारीफ करने से ही वे मूड में आ जाती है। भोजन में साठी के चावल,अंकुरित
दाल का प्रयोग करें।
कन्या:- इस राशि के लोगों को हर तरह के सेक्स में आनंद आता हैं। इस राशि के लडके सेक्स के दौरान छेडखानी पसंद करते हैं। लडकियों का भी सेक्स की तरफ पूरा झुकाव होता है। बस थोडा छेडने की जरूरत है। इस राशि के लोगों को सेक्स पावर बढाने के लिए गोद, बादाम व छुहारे का सेवन अपने भोजन में करना चाहिए।
तुला:-
इस राशि के लडकों का स्वभाव बडा ही रोमांटिक होता है। इस राशि के लडके किसी सरप्राइज रोमांटिक जगह पर जाना तथा सेक्सी अदाएं पसंद करते हैं। इस राशि की लडकियों का सेक्स की तरफ थोडा कम ही रूझान होता है। इन लोगों को सेक्स पावर बढाने के लिए मेथी के लड्डू व बिनौले का सेवन करना चाहिए।
वृश्चिक:-
इस राशि के लोगों को अपने सेक्स अनुभव को तरोताजा बनाने के लिए कुछ योजना बनाकर अपने साथी को अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए। इस राशि को लडकियों को रोमांस के मूड में लाने के लिए बाथ टब को गुलाब के फूलों की पंखुडियों से भर के एक साथ नहाने का मजा लें। इस राशि के लोगों को अपनी सेक्स पावर को मेंटेन रखने के लिए श्र भोजन में खट्टा कम खाना चाहिए।
धनु:-
इस राशि के लोग धार्मिक विचारों वाले
होते हैं। इन लोगों को एकांत में रोमांस
करना पसंद होता है। जब इनकी पार्टनर
सेक्सी ड्रेस में टू पीस, स्टैप वाला गाउन
पहन कर इनके सामने आती है तो ये रोमांटिक मूड में आ जाते हैं। किसी हिल स्टेशन पर जाकर वादियों में रोमांस करना इन राशि वालों को अच्छा लगता है। इस राशि की लडकियां रोमांटिक संगीत, सेक्सी फिल्म तथा सेक्सी बातों से
आपकी तरफ आकर्षित हो सकती हैं।
मकर:-
इस राशि के लोगों को प्यार भरी बातों से
अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है। इस राशि के लोग सेक्स करने के दौरान बात करना पसंद नहीं करते। इस राशि की लडकियों का रोमांस में रूझान बढाने के लिए खूब घूमे- फिरें,शादी की रोमांटिक बातें करें। हनीमून की रोमांटिक यादें ताजा करायें व उस जगह पर वे एकदम आकर्षित हो जाएंगी।
कुंभ:-
इस राशि का स्वामी शनि होने पर लडकों को रात को नहा कर सेक्स करने में आनंद मिलता है। अंगों को मसाज देने से वे मूड में आते हैं। इस राशि की लडकियों का मन आकर्षित करने के लिए कपडों में हल्का परफ्यूम लगाएं, किसी पानी की जगह ले जाएं, जहां आप दोनों के अलावा और कोई न हो।
मीन:-
इस राशि के लडकों को आकर्षण बहुत भाता है। जिन्हें आप किसी फिल्मी हीरोइन की तरह अदांए दिखा कर लुभा सकती हैं। लडकियों को आंखों में आंखें डालकर देखना अच्छा लगता है। सरप्राइज गिफ्ट लेना पसंद करती हैं। थोडी जबरस्ती की शरारतें व कुछ नया करना अच्छा लगता है।

Friday 16 January 2015

यही पुण्य कर्म आपकी परेशानियां दूर करने में सहायक होंगे। बहुत आसान हैं ये 9 छोटे और अचूक उपाय, जो कर सकते हैं, आपकी हर परेशानी दूर.....तंत्र शास्त्र व ज्योतिष के अंतर्गत ऐसे कई छोटे-छोटे उपाय हैं, जिन्हें करने से थोड़े ही समय में व्यक्ति की हर परेशानी दूर हो सकती है। मगर बहुत कम लोग इन छोटे-छोटे उपायों के बारे में जानते हैं।..


यही पुण्य कर्म आपकी परेशानियां दूर करने में सहायक होंगे।
बहुत आसान हैं ये 9 छोटे और अचूक उपाय, जो कर सकते हैं,
आपकी हर परेशानी दूर.
तंत्र शास्त्र व ज्योतिष के अंतर्गत ऐसे कई छोटे-छोटे उपाय हैं, जिन्हें करने से थोड़े ही समय में व्यक्ति की हर परेशानी दूर हो सकती है। मगर बहुत कम लोग इन छोटे-छोटे उपायों के बारे में जानते हैं।
जो लोग जानते हैं वे ये उपाय करते नहीं और अपनी किस्मत को ही दोष देते रहते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपाय बता रहे हैं, जिन्हें सच्चे मन से करने पर आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
1- प्रतिदिन शाम के समय तुलसी के पौधे पर गाय के घी का दीपक लगाएं और उनके जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने का निवेदन करें। ऐसा करने से आपकी समस्याएं तो दूर होंगी ही साथ ही परिवार में खुशहाली बनी रहेगी।
2- अपने घर के आस-पास कोई ऐसा तालाब, झील या नदी का चयन करें जहां बहुत सी मछलियां हों। यहां रोज जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक उपाय है। नियमित रूप से यह उपाय करने से धन संबंधी समस्या जल्दी ही दूर हो सकती है।
3- भोजन के लिए बनाई जा रही रोटी में से पहली रोटी गाय को दें। धर्म ग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का निवास माना गया है। अगर प्रतिदिन गाय को रोटी दी जाए तो सभी देवता प्रसन्न होते हैं और आपकी समस्याएं दूर हो सकती है।
4- घर में स्थापित देवी-देवताओं को रोज फूलों से सजाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि फूल ताजे ही हो। सच्चे मन से देवी-देवताओं को फूल आदि अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं व साधक की हर परेशानी दूर सकते हैं।
5- घर को साफ-स्वच्छ रखें। प्रतिदिन सुबह झाड़ू-पोछा करें। शाम के समय घर में झाड़ू-पोछा न करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं और साधक को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है।
6- रोज सुबह जब आप उठें तो सबसे पहले दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर चेहरे पर तीन चार बार फेरें। धर्म ग्रंथों के अनुसार हथेली के अग्र भाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में मां सरस्वती व मूल भाग (मणि बंध) में भगवान विष्णु का स्थान होता है। इसलिए रोज सुबह उठते ही अपनी हथेली देखने से आपकी परेशानियों का अंत हो सकता है।
7- रोज जब भी घर से निकले तो उसके पहले अपने माता-पिता और घर के बड़े बुजुर्गों का चरण स्पर्श करें और आशीर्वाद लें। ऐसा करने से आपकी कुंडली में स्थित सभी विपरीत ग्रह आपके अनुकूल हो जाएंगे और शुभ फल प्रदान करेंगे।
8- प्रतिदिन सुबह पीपल के पेड़ पर एक लोटा जल चढ़ाएं। मान्यता है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। रोज ये उपाय करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
9- अगर आप चाहते हैं कि आपकी हर परेशानी दूर हो जाए तो रोज चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का क्षय होगा और पुण्य कर्म उदय होंगे। यही पुण्य कर्म आपकी परेशानियां दूर करने में सहायक होंगे।

:दैनिक व्यावसायिक सफ़लता और बाधा निवारण हेतु प्रयोग .यदि आप दैनिक कार्यों में ,रोजाना के व्यावसायिक कार्यों में अधिकतम सफलता पाना चाहते है ,कम से कम विघ्न-बाधाओं का सामना करना चाहते है....


:दैनिक व्यावसायिक सफ़लता और बाधा निवारण हेतु प्रयोग
             :दैनिक व्यावसायिक सफ़लता और बाधा निवारण हेतु प्रयोग

.यदि आप दैनिक कार्यों में ,रोजाना के व्यावसायिक कार्यों में अधिकतम सफलता पाना चाहते है ,कम से कम विघ्न-बाधाओं का सामना करना चाहते है ,तो निम्न प्रयोग करे ,आपके भाग्य तो नहीं बदल जायेगे ,किंतू जो मिलना है वह पूरा मिल पायेगा ऐसा विश्वास रखे ,यदि कुछ बुरा होना है तो कम से कम होगा ,किसी प्रकार की विघ्न -बाधा है तो वह दूर होगी ,किसी प्रकार का बंधन या आभिचारिक क्रिया है तो वह रुकेगी ,आप बुधवार या गणेश चतुर्थी को सूर्योदय पूर्व उठे और स्नानकर अपने ईष्ट की पूजा करे ,फिर गणेश जी की आराधना करे ,,अब एक सिन्दूरी कागज़ कम से कम १*१ फुट का ले ,उसपर स्केल की सहायता से १०८ खाने बना ले ,अब प्रत्येक खाने में ऊपर से नीचे की और १ से १०८ तक संख्याये लिखे ,,ध्यान दे सांख्ययो का क्रम न टूटे ,अर्थात किसी लाइन में यदि संख्या १२ पर समाप्त हो रही है तो उसी के नीचे १३ अंक की संख्या शुरू होकर उलटे क्रम से पुनः १ के नीचे आएगी ,फिर वहा २४ आएगा ,अब उसके नीचे २५ से आगे लिखा जाएगा ,,यदि १ लाइन में १२ खाने हो तो ९ लाइनों में १०८ खाने हो जायेगे ,,जब खाने बन जाए तो प्रत्येक खाने में लाल स्याही से " ॐ गं गणपतये नमः " लिखे ,,,अब इस कागज़ को ईश्वर मानकर विधिवत पूजन कर ले ,,धुप -आरती कर के कागज़ की तह करके रख ले ,इसे आपको सदैव अपनी जेब में रखनी है ,,जिस दिन इसका निर्माण करे उस दिन सुबह तब तक अन्न ग्रहण न करें जब तक यह बना और पूजा न कर लें ,,अब दैनिक रूप से घर से बाहर जाते समय सुबह इस कागज़ को खोलकर सामने रख लिया करे,,इसके पहले खाने पर तर्जनी उंगली रखे फिर उसे सभी खानों पर घुमाते हुए १०८ वे खाने पर ले आये ,यहाँ आप अपनी आखे बंद कर अपने ईष्ट और गणेश जी को याद करे ,और कहे हे प्रभु मेरा आज का दिन शुभ हो ,सफल हो ,में सभी अनावश्यक विवादो आदि से बचा रहू ,,इस प्रकार अपनी कामनाये व्यक्त करे,फिर अपनी तर्जनी को माथे लगा ले ,,फिर उस कागज़ को तह कर जेब में रख ले और भगवान का नाम लेकर प्रस्थान करे ,,विशवास रखे आपका दिन पहले की अपेक्षा शुभ होगा ,,,कागज पर एक बार बनाया हुआ [लिखा हुआ ]यह आपको महीनो तक काम देगा ,,किसी प्रकार कागज़ फट या खराब हो जाने पर बहते जल में विसर्जित कर ,पुनः बुधवार या गणेश चतुर्थी को इसे पहले की तरह बना सकते हैं 
इस प्रयोग के साथ भोजपत्र पर निर्मित व्यापार वृद्धि यन्त्र अथवा महालक्ष्मी सर्वतोभद्र यन्त्र अथवा श्री यन्त्र अपने प्रतिष्ठान लगाए और रोज धुप दीप से उसकी पूजा करते रहे ,,खुद बगलामुखी यन्त्र धारण करे जिससे आप जो कहे उसका प्रभाव ग्राहक या सम्बंधित व्यक्ति पर पड़े ,आपका प्रभाव बढे ,सुरक्षा के साथ बुरी नज़रों आदि से बचाव हो और निर्विघ्नता रहे ,,यदि आपको लगता है की किसी प्रकार का अभिचार या बंधन दूकान-प्रतिष्ठान या घर पर किया गया है या किया जा रहा है तो वहां भी बगलामुखी यन्त्र लगाएं ,और बगला या काली या दुर्गा सहस्त्रनाम /कवच का पाठ करके जल अभिमंत्रित कर प्रतिष्ठान में छिडके ,बाधाएं समाप्त होंगी ....