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Monday 25 August 2014

स्थान दोष ,दिशा दोष से मुक्त कर अभय ही दे देता हैं. कई बार व्यक्ति की समृद्धि अचानक रुष्ट हो जाती है,सारे बने बनाये कार्य बिगड जाते है...


स्थान दोष ,दिशा दोष से मुक्त कर अभय ही दे देता हैं.
कई बार व्यक्ति की समृद्धि अचानक रुष्ट हो जाती है,सारे बने बनाये कार्य बिगड जाते है,जीवन की सारी खुशिया नाराज सी लगती हैं,जिस भी काम में हाथ डालो असफलता ही हाथ लगती है.घर का कोई सदस्य जब चाहे तब घर से भाग जाता है,या हमेशा गुमसुम सा पागलों सा व्यवहार करता हो,तब ये प्रयोग जीवन की विभिन्न समस्याओं का न सिर्फ समाधान करता है अपितु पूरी तरह उन्हें नष्ट ही कर देता और आने वाले पूरे जीवन में भी आपको सपरिवार तंत्र बाधा और स्थान दोष ,दिशा दोष से मुक्त कर अभय ही दे देता हैं.
इस मंत्र को यदि पूर्ण विधि पूर्वक गुरु पूजन संपन्न कर ११०० की संख्या में जप कर सिद्ध कर लिया जाये तो साधक को ये मंत्र उसकी तीक्ष्ण साधनाओं में भी सुरक्षा प्रदान करता है और यात्रा में चोरी आदि घटनाओं से भी बचाता है.मंत्र को सिद्ध करने के बाद जिस भी मकान या दुकान में उपरोक्त बाधाएं आ रही हो,किसी प्रेत का वास हो गया हो या अज्ञात कारणों से बाधाएँ आ रही हो,उस मकान में बाहर के दरवाजे से लेकर अंदर तक कुल जितने दरवाजे हो उतनी ही छोटी नागफनी कीलें और एक मुट्ठी काली उडद ले ले.इसके बाद मकान के बाहर आकर प्रत्येक कील पर ५ बार मंत्र पढ़ कर फूँक मारे और उडद को भी फूँक मार कर अभिमंत्रित कर ले,जितनी कीलो को आप अभिमंत्रित करेंगे उतनी बार उडद पर भी फूँक मारनी होगी.अब इस सामग्री को लेकर उस मकान में प्रवेश करे और मन ही मन मन्त्र जप करते रहे.आखिरी कमरे में प्रवेश कर ४-५ दाने उडद के बिखेर दे और और उस कमरे से बाहर आकर उस कमरे की दरवाजे की चौखट पर कील ठोक दे.यही क्रिया प्रत्येक कमरों में करे. और आखिर में बाहर निकल कर मुख्य दरवाजे को भी कीलित कर दे.इस प्रयोग से खोयी खुशियाँ वापिस आती ही है. ये मेरा स्वयं का कई बार परखा हुआ प्रयोग है. मन्त्र- ओम नमो आदेश गुरुन को ईश्वर वाचा,अजरी-बजरी बाड़ा बज्जरी मैं बज्जरी बाँधा दशौ दुवार छवा ,और के घालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे,पहली चौकी गणपती,दूजी चौकी हनुमंत,तीजी चौकी में भैरों,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवें श्री नरसिंह देव जी, शब्द साँचा,पिण्ड काँचा,चले मन्त्र ईश्वरो वाचा. ..

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