एक बार राधा जी ने कृष्णा से पूछा: (गुस्सा और प्यार ) क्या है ? कृष्ण हस कर बोले : बहुत खूबसूरत जवाब मिला : किसी की ग़लती की सजा खुद को देना l एक बार राधा ने कृष्णा से पूछा : (दोस्त और प्यार) में क्या फर्क होता है ? कृष्ण हस कर बोले : प्यार सोना है और दोस्त हीरा l सोना टूट कर दोबारा बन सकता है मगर हीरा नहीं l एक बार राधा जी ने कृष्ण जी से पूछा : (मैं कहा कहा हु) ? कृष्ण ने कहा : तुम मेरे दिल में साँस में जिगर में धड़कन में तन में मन में हर जगह हो l फिर राधा जी ने पूछा : (मैं कहा नहीं हु) ? तो कृष्ण ने कहा : मेरी किस्मत में l राधा ने श्री कृष्ण से पूछा : (प्यार का असली मतलब) क्या होता है ? श्री कृष्ण ने हस कर कहा : जहां मतलब होता है वह प्यार ही कहा होता है l एक बार राधा ने कृष्ण से पूछा : अपने मुझसे (प्रेम किया लेकिन शादी रुकमनी से) की एैसा क्यों ? कृष्ण ने हस्ते हुए कहा : राधे शादी में दो लोग चाहिए l शादी के लिए दो दिल और दो शरीर चाहिए और हम तो एक शरीर और एक जन है तुम ही बताओ राधा और कृष्ण में दूसरा कौन है हम तो पहले से ही एक हैं फिर हमे विवाह करने की क्या आवश्यकता l निस्वार्थ प्रेम – “विवाह के बंधन से अधिक महान और पवित्र होता है इसलिए राधा कृष्ण निस्वार्थ प्रेम की प्रतिमूर्ति हैं और सदैव पूजनीय हैं l" राधे राधे।।।।।।।।
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Wednesday, 2 April 2014
एक बार राधा जी ने कृष्णा से पूछा: (गुस्सा और प्यार ) क्या है ?......बार राधा ने कृष्णा से पूछा : (दोस्त और प्यार) में क्या फर्क होता है ?..........एक बार राधा जी ने कृष्ण जी से पूछा : (मैं कहा कहा हु) .....फिर राधा जी ने पूछा : (मैं कहा नहीं हु) ..........राधा ने श्री कृष्ण से पूछा : (प्यार का असली मतलब) क्या होता है ?...............
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