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Thursday 26 June 2014

चन्द्र+शनि = दुःख। मानसिक तनाव। नज़र की खराबी। माता तथा धन के लिए ठीक नहीं। हर काम में रूकावट। गरीबी। शराबी। उदास ,सन्यासी। स्त्री सुख में कमी। . चन्द्र+राहू = पानी से डर। शरीर पर दाग। विदेश यात्रा। जिस भाव में स्थित हो उसकी हानी। ....

चन्द्र+शनि = दुःख। मानसिक तनाव। नज़र की खराबी। माता तथा धन के लिए ठीक नहीं। हर काम में रूकावट। गरीबी। शराबी। उदास ,सन्यासी। स्त्री सुख में कमी।
. चन्द्र+राहू = पानी से डर। शरीर पर दाग। विदेश यात्रा। जिस भाव में स्थित हो उसकी हानी।
. चन्द्र+केतू=विद्या में रूकावट। मूत्र वीकार। जोड़ों में दर्द। केमिष्ट।
 मंगल+शनि = दुर्घटना। इंजीनियर। डॉक्टर। भाइयों से अनबन। धन संग्रह में रूकावट। चमड़ी तथा खून में वीकार। साहसिक कार्यों में सफलता। धन-दौलत चोरी। डाकू। ड्राइवर। सरकारी अधिकारी।
. मंगल+बुध=साहसिक कार्यो से लाभ। बुद्धी और साहस का योग। खोजी निगाह। स्पष्ट वक्ता। इंजीनियर। डाक्टर। दुर्घटना आदि।               सूर्य+शनि =पिता-पुत्र में बिगाड़ अथवा जुदाई। युवावस्था में संकट, राज दरबार बुरा। स्वास्थ कमजोर। पिता की मृत्यु , गरीबी। घरेलू अशांति। पत्नी का स्वास्थ कमजोर।
 सूर्य+राहू =सरकारी नौकरी में परेशानी। चमड़ी पर दाग , खर्च हो। घरेलू अशांति , परिवार की बदनामी का डर। श्वसुर की धन की स्थिति कमजोर। सूर्य को ग्रहण।
 सूर्य+केतू=सरकारी काम अथवा सरकारी नौकरी में उतार-चढ़ाव। संतान का फल बुरा।
 चन्द्रमा+मंगल=मन की स्थिति डांवाडोल। दुर्घटना। साहसिक कामों से धन लाभ। उत्तम धन।
. चन्द्र+बुध=उत्तम वक्ता। बुद्धिमत्ता। लेखन शक्ति। गहन चिंतन। स्वास्थ में गड़बड़। दो विवाह योग। मानसिक असंतुलन।
. चन्द्र+गुरू= उत्तम स्थिति। धन प्राप्ति। बैंक में अधिकारी। उच्च पद। मान-सम्मान। धनी। यदि पाप दृष्टी हो तो विद्द्या में रूकावट।
 चन्द्र+शुक्र=दो विवाह योग। अन्य स्त्री से सम्बन्ध। विलासी। शान-शौकत का प्रेमी। रात का सुख।

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