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Tuesday 3 June 2014

यह आश्चर्यजनक तथ्य हो सकता है ग्रह खराब होने के संकेत.... प्रत्येक कुंडली में पीङित ग्रह जब.....


यह आश्चर्यजनक तथ्य हो सकता है
ग्रह खराब होने के संकेत....
प्रत्येक कुंडली में पीङित ग्रह जब
गोचर अथवा अपनी महादशा , अन्तर्दशा द्वारा गलत
प्रभाव डालना आरंभ करता है तो उसका प्रभाव पारिवारिक संबंधों ,
मानवीय जीवन पर दृष्टिगोचर होता है ।
हालांकि कोई ग्रह कुंडली में अत्यंत दूषित स्थिति में
हो तो उसका प्रभाव दीर्घकालीन
होता है किंतु कुछ कुप्रभाव तात्कालिक रूप से
दिखायी देने लगते है ।
चन्द्रमा - यदि गोचर में पीङित होने लगे
तो माँ का स्वास्थ्य गङबङाने लगता है और
व्यक्ति को गुस्सा अाना आदि कारण दिखायी देने लगते
है ।
मंगल - जब आप इलेक्ट्रोनिक उपकरण ठीक
करवाते थकने लगे, वाहन बार बार खराब हो , भूमि विवाद आरंभ
हो ।
बुध - बहन, बुआ, मौसी से संबंध खराब हो, सूंघने
की शक्ति समाप्त होना अथवा नसों संबधित
समस्या का सामना करना, दाँत खराब होना ।
गुरू - जब खराब होने लगे तो बुजुर्गों के साथ संबंध बिगाङता है
साथ ही अचानक आर्थिक अवरोध आने लगते है ।
शुक्र - वैवाहिक जीवन में
परेशानियाँ पैदा होना तथा प्रजनन अंगो से संबधित
कष्टों का सामना होने लगे ।
शनि - इनके खराब होने की स्थिति में जूते टूट जाना,
नीची जाति से संबंध खराब होना और
लोहानिर्मित अथवा काली वस्तु खो जाना ।
सूर्य - पिता के साथ व्यवहार बिगङना ,सरदर्द रहना ।
राहु - उच्चाटन, मानसिक बाधा, कलह , आत्महत्या का मन
करना, हानि, पतन ।
केतु - शरीर के किसी अंग का सङना,
मवाद पङना ।
इस प्रकार हमें दैनिक जीवन में ग्रह के खराब
होने का संकेत मिल जाता है । जिस ग्रह से संबंधित इशारे
जीवन में होने लगे तुरंत उसका आवश्यक उपाय
आरंभ कर देना चाहिए । जीवन में
रोगों की तरह ही इन
पीङाओं का सिद्धांत है
कि जितना जल्दी आप उपाय शुरू करेंगे
उतना ही आपके समस्या से बचने का अवसर
होगा । आजकल मेडिकल साइंस भी जन्म
कुंडली देखकर प्रतिपादित होने लगी है
तो हमें भी इस विषय में ज्योतिष
को मान्यता देनी चाहिए । ज्योतिष के नए
प्रशंसकों हेतु यह आश्चर्यजनक तथ्य हो सकता है
कि 95% मामलों में मनुष्य के शरीर के
उसी अंग में
पीङा होगी जिसपर कि मंगल
की दृष्टि होगी

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