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Monday 12 May 2014

मायूस ना हार के तकदीर की बाज़ी इन्साफ का मन्दिर है यह, भगवान् का घर है | कहना हिया जो कह दे, किस बात का दर है || ...


मायूस ना हार के तकदीर की बाज़ी
इन्साफ का मन्दिर है यह, भगवान् का घर है |
कहना हिया जो कह दे, किस बात का दर है ||

है खोट तेरे मन मे, जो भगवान् से है दूर |
है पाँव तेरे फिर भी तू, आने से है मजबूर ||
हिम्मत है तो आजा यह, भलाई की डगर है ||

दुःख दे के जो दुखिया से ना इन्साफ करेगा,
भगवान् भी उसको ना कबी माफ़ करेगा |
यह सोच ले हर बात की, दाता को खबर है,
हिम्मत है तो आजा यह भलाई की डगर है ||

है पास तेरे जिस की अमानत उस को देदे,
निर्धन भी है इंसान, महौब्बत उसे देदे |
जीर दर पे सभी एक है, बन्दे यह वो दर है ||

मायूस ना हार के तकदीर की बाज़ी,
प्यारा है वो गम जिस मे हो भगवान् भी राज़ी |
दुःख दरद मिले वोही प्यार अमर है,
यह सोच ले हर बात की दाता को खबर है

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