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Monday 26 May 2014

तुला लग्न और विशेष योग :- ११. यदी बुध १, २, ४, ५, ९, १० वे भाव में से कौन से भी भाव में होतो , उत्तम नौकरी का योग होता है। .....


तुला लग्न और विशेष योग :-
११. यदी बुध १, २, ४, ५, ९, १० वे भाव में से कौन से भी भाव में होतो , उत्तम नौकरी का योग होता है। 
१२. यदी शुक्र और चन्द्र लग्न का स्वामी केंद्र में हो तथा केवल शुभ ग्रहों से ही दृष्ट हो तो ,जातक एम. पी. बनता है। 
१३. यदी लग्नेश शुक्र पर शुभ ग्रहों की दृष्टी तथा लग्न में केवल शुभ ग्रह होतो, जातक न्यायाधीश बनता है 
१४. यदी गुरू उच्च का, होकर चंद्रमा को देखता होतो, जातक उच्च पद पाता है। 
१५. लग्न में गुरु होतो, उत्तम वाहन सुख होता है। 
१६. लग्न में मंगल , १० वे भाव में शनी , ७ वे भाव में सूर्य , गुरु ९ वे भाव में शुक्र ११ वे भाव में , चंद्रमा ४ थे भाव में होने पर जातक सफल शासक होता है। 
१७. यदी शुक्र ६, ८, १२, भाव में से भाव में होने पर जातक विख्यात और धनवान होता है। 
१८. यदी बुध ६, या ८ वे भाव अथवा १२ भाव में होतो, जातक सुखी और उत्तम सुख भोगने वाला होता है। 
१९. गुरु और चन्द्रमा की युती केंद्र १, ४, ७, १०, वे भाव में हो और उस पर शुक्र की दृष्टी होतो , जातक बलवान होता है। 
२०. चंद्रमा लग्न में तुला राशी का होतो, जातक देवताओं का भक्त , चंचल तथा होशियार होता है। 

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